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भारतीय पीएम के साथ ही इन दो लोगों के पास होता हैं परमाणु बम गिराने का कोड

नई दिल्ली: हाल ही में सीरिया के डौमा शहर में केमिकल अटैक हुआ था, जिसमें लगभग 100 लोगों की जान चली गयी थी। वहीँ इस हमले को लेकर सीरिया ने दावा किया है कि अमेरिका ने उसके एयरबेस पर सोमवार की सुबह 8 मिसाइलें दागी थी। हालाँकि अमेरिका ने इस तरह के दावों से इनकार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि सीरिया में रासायनिक हमला बिना-सोचे समझे किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इससे पहले ट्रम्प और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग के बीच परमाणु बटन को लेकर ख़ासा विवाद रहा।

जब किम जोंग ने अमेरिका को परमाणु हमले की धमकी दी थी तो इसके जवाब में ट्रम्प ने कहा था कि उनका न्यूक्लियर बटन हमेशा उनकी ऑफिस की डेस्क पर ही रहता है। आज हर देश परमाणु हमला करने में सक्षम हो गया है। भारत के पास भी परमाणु हथियार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में परमाणु हमला किसकी इजाजत के बाद किया जाता है? अगर परमाणु हमला करने का कोई खास बटन होता है तो वह किसके पास है? अगर भारत किसी देश पर परमाणु हमला करना चाहता है तो उसकी क्या प्रक्रिया है? आज हम आपको ऐसे ही सवालों का जवाब देने वाले हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत के प्रधानमंत्री के पास ऐसी कोई बटन नहीं है जिसको दबाकर परमाणु हमला किया जा सके। परानु हमला करने के लिए जिस बटन को दबाने की बात की जाती है, वह परमाणु कमांड की सबसे निचली कड़ी के पास होती है। यही कड़ी मिसाइल दागने का काम करती है। भारतीय पीएम के पास स्मार्ट कोड होता है। भारत में किसी देश के ऊपर परमाणु हमला करना है या नहीं, इसका अधिकार केवल प्रधानमंत्री के पास होता है। पीएम, कैबिनेट या कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी और चेयरमैन चीफ ऑफ स्टाफ्स कमेटी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सहमती लेने के बाद ही परमाणु हमला करने का आदेश दे सकते हैं।

यह होती है परमाणु बन दागने की प्रक्रिया:

*- आपको बता दें भारतीय पीएम के साथ हर समय एक ब्रीफकेस चलता है। इस ब्रीफकेस को न्यूक्लियर ब्रीफकेस कहा जाता है। जानकारी के अनुसार इस ब्रीफकेस का वजन लगभग 15-20 किलो होता है। इसमें कंप्यूटर और रेडियो ट्रांसमीटर के उपकरण रहते हैं।

*- भारतीय पीएम के पास स्मार्ट कोड होता है जो असल में एक वेरिफिकेशन कोड होता है। परमाणु हमला करने की स्थिति में यह कोड परमाणु कमांड को भेजा जाता है।

*- शिप सेना में परमाणु बैटरी या वायु सेना में कमांडिंग ऑफिसर के साथ दो-दो अन्य अधिकारी भी होते हैं। इन दोनों के पास अलग-अलग लाकर होते हैं। इन्ही में कोड सुरक्षित रखा जाता है।

*- जब पीएम अपना कोड दे देते हैं तो कमांडिंग ऑफिसर अपने दोनों साथी अधिकारीयों को बताता है, जो अपना कोड सेफ खोलकर कोड का मिलान करते हैं।

*- जब तीनों कोड सही होते हैं तो तुरंत ही परमाणु मिसाइल दाग दी जाती है। आपकी जानकार के लिए बता दें पीएम का निर्देश मिलने के बाद भी परमाणु मिसाइल दागने में 30-40 मिनट का समय लग जाता है।

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