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क्या आप जानते हैं सिनेमा हॉल में जाते ही मिलनी चाहिए आपको ये सुविधाएँ?नहीं तो आप कर सकते हैं यह

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसे सिनेमा हॉल में फ़िल्में देखना पसंद ना हो। हर व्यक्ति कभी ना कभी अपने परिवार या दोस्तों के साथ सिनेमा हॉल में जाता ही है। हालाँकि कई बार सिनेमा हाल में जाने के बाद आपके ऊपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं, लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि सिनेमा हॉल में आपको कुछ अधिकार मिले होते हैं। अगर आप उन अधिकारों के बारे में जानेंगे तो ख़ुद के साथ ज़्यादती होने से रोक सकते हैं।

कर सकता है आपके साथ मनमानी:

अक्सर हमें कई अधिकार मिले होते हैं, लेकिन हम उन अधिकारों के बारे में जानते नहीं हैं। थिएटर में फ़िल्में देखने में ख़ूब मज़ा आता है। लेकिन अक्सर अपने देखा होगा कि जब आप एंट्री करते हैं तो आपको अंदर कुछ भी चीज़ ले जाने से मना किया जाता है। ऐसे में अगर आप अपने अधिकारों के बारे में जानते रहेंगे तो आप सिनेमा हॉल के प्रबंधक से इस बारे में बात कर पाएँगे अन्यथा वो आपके साथ मनमानी कर सकता है। आज के समय में हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में जानने की ज़रूरत है।

अंदर होनी चाहिए पानी पीने की व्यवस्था:

अगर आप किसी मल्टीप्लेक्स में फ़िल्म देखने के लिए जाते हैं तो आप अपने साथ पानी की बोतल अंदर ले जा सकते हैं। ऐसा करने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। अगर सिनेमा हॉल में पीने का पानी अंदर ले जाने की मनाही होती है तो सिनेमा के संचालक को थिएटर के अंदर पीने के पानी की व्यवस्था करनी होती है। सिनेमा हॉल का मालिक किसी भी व्यक्ति को कैफ़ेटेरिया के महँगे पानी को ख़रीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।

पानी अंदर ले जाने से नहीं रोक सकते सिनेमा हॉल संचालक:

आपको बता दें नेशनल कंज़्यूमर फ़ोरम एक ऐसे मामले की सुनाई सितम्बर 2015 में कर चुकी है। उस समय एक व्यक्ति को सिनेमा हॉल के अंदर पानी की बोतल ना ले जाने देने के एवज़ में फ़ोरम ने 11 हज़ार रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया था। उस समय बेंच ने फ़ैसला सुनाते समय यह कहा था कि, अगर कोई भी सिनेमा हाल बाहर से पीने के पानी को ले जाने पर रोक लगता है तो उसे अंदर ही पीने के पानी की व्यवस्था करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह उपभोक्ता को दी जाने वाली सेवा का उलंघन होगा। कोई भी दर्शक आरामदायक और संतोषजनक माहौल में फ़िल्म देखने के लिए पैसे देता है।

कर सकते हैं आप उपभोक्ता फ़ोरम में शिकायत:

अगर ऐसा नहीं होता है तो दर्शक हर्ज़ाना लेने का अधिकारी होता है। अगर एक उपभोक्ता के तौर पर आपको लगता है कि आपके अधिकारों का हनन हो रहा है तो आप उपभोक्ता फ़ोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 20 लाख तक के क्लेम के मामले ज़िला उपभोक्ता फ़ोरम में देखे जाते हैं। 1 से 5 लाख तक के मामले के लिए शिकायतकर्ता को केवल 100 रुपए की फ़ीस देनी होती है। जबकि 20 लाख तक के मामले में 500रुपए तक फ़ीस ली जा सकती है। शिकायतकर्ता को सादे काग़ज़ पर शिकायत लिखनी होती है। अगर मामला 20 लाख रुपए से ज़्यादा का है तो राज्य उपभोक्ता फ़ोरम में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

सिनेमा हॉल में मिलनी चाहिए ये सुविधाएँ:

*- सिनेमा हॉल में टॉयलेट, साफ़-सफ़ाई और सुरक्षा मिलना हर दर्शक का हक़ होता है, ऐसा ना होने पर आप उपभोक्ता फ़ोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

*- सिनेमा हॉल के कैफ़ेटेरिया में बिकने वाली महँगी पानी की बोतल को ख़रीदने के लिए दर्शकों को मजबूर नहीं किया जा सकता है। किसी भी सिनेमा हॉल की यह हरकत कंज़्यूमर प्रटेक्शन ऐक्ट 1986 की धारा 2(R) का उलंघन होता है।

*- सभी सिनेमा हॉल में वॉटर प्यूरिफ़ायर के साथ डिस्पोज़ेबल ग्लास रखना अनिवार्य होता है।

*- सिनेमा हॉल के संचालक को पूरी फ़िल्म के दौरान पानी की सप्लाई को बनाए रखना होता है। इसका कोई चार्ज भी नहीं वसूला जाना चाहिए।

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