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यूपी के सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना, ‘बीजेपी ही जीतेगी चुनाव’

उत्तर प्रदेश में जबरदस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। जी हां, उपचुनाव को लेकर प्रदेश में सियासत खेली जा रही है। कोई किसी के साथ आ रहा है, तो कोई किसी से दामन छुड़ा रहा है, इन सबके बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को ललकराते हुए बड़ा निशाना साधा है। आइये जानते है कि उपचुनाव को मद्देनजर रखते हुए सीएम योगी ने विपक्ष को लेकर क्या कुछ कहा?

यूपी की दो लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी पार्टियां इन सीटों को जीतने के लिए साम दंड भेद अपनाती नजर आ रही है। बता दें कि माया और अखिलेश के गठबंधन के बाद से ही प्रदेश में सिसायत का रूख मुड़ चुका है। ऐसे में कयास लगाई जा रही थी कि सपा और बसपा के साथ आने से बीजेपी में टेंशन की लहर होगी, लेकिन सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी में कोई टेंशन नहीं है, क्योंकि चुनाव बीजेपी ही जीतेगी। ऐसे में सीएम योगी ने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि गठंबधन से बीजेपी डर गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फूलपुर और गोरखपुर चुनाव को लेकर कहा कि दोनों ही सीटों पर बीजेपी वापसी करेगी, ऐसे में किसी भी गठबंधन से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ता। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने माया और अखिलेश के गठबंधन पर भी बड़ा निशाना साधा। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की तारीफ भी करते हुए नजर आएं, तो पीएम मोदी की भी तारीफ करने से नहीं चूकें।

सपा-बसपा का गठबंधन स्वार्थपूर्ण: योगी आदित्यनाथ

अखिलेश और माया के साथ आने पर पहले भी योगी बड़ा बयान दे चुके हैं, ऐसे में एक बार फिर यूपी की गठबंधन विपक्ष पर जोरदार निशाना साधते हुए  सीएम योगी ने कहा कि दोनों का गठबंधन स्वार्थी है, क्योंकि दोनों ने अपने अपने फायदे के लिए एक दूसरे के साथ गठबंधन केवल चुनाव के लिए किया है। सीएम ने आगे कहा कि यूपी में गठबंधन वाली विपक्ष से बीजेपी को कभी फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि सपा और कांग्रेस के गठबंधन को तोड़ते हुए हम सत्ता में काबिज हुए, सिर्फ अपने काम की वजह से।

बीजेपी की तारीफ करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2014 में सबका साथ सबका विकास का नारे देते हुए सरकार में आएं थे, और हम अपने नारे के तहत ही काम कर रहे हैं, ऐसे में एक बार फिर जनता हमारे काम को चुनेगी। सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों ही पार्टियों को जनता नकार चुकी है, ऐसे में जनता समझ सकती है कि दोनों पार्टियां अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी  कर सकते हैं, न कि देश के लिए।

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