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चाणक्य नीति: बुद्धिमान वही होता है जो इन 4 बातों का जिक्र किसी से नहीं करता, जानिये वो 4 बातें

चाणक्य नीति शास्त्र : आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र (जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है) के महान विद्वान थे. चाणक्य को उनके न्यायप्रिय आचरण के लिए जाना जाता था. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बावजूद वह एक साधारण सी कुटिया में रहते थे. उनका जीवन बहुत सादा था. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले अनुभवों को चाणक्य नीति में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिस पर यदि व्यक्ति अमल करे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. सफलता निश्चय उसके कदम चूमने लगेगी.

यदि व्यक्ति इन बातों का प्रयोग अपने निजी जीवन में करे तो उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा. इन नीतियों में सुखी जीवन का राज छुपा है. नीतियों में बताई गई बातें आपको कड़वी लग सकती है पर हैं बिलकुल सत्य. चाणक्य नीति में कुछ बातें ऐसी बताई गई हैं जो कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं बतानी चाहिए. चाणक्य नीति में बताई गई इन बातों को हमेशा अपने तक ही रखना चाहिए. कौन सी हैं वो बातें? आईये जानते हैं.

चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार इन 4 बातों का कभी दूसरे से जिक्र नहीं करना चाहिए

व्यक्तिगत समस्या का जिक्र


चाणक्य नीति शास्त्र में लिखा है कि व्यक्ति को कभी भी अपनी व्यक्तिगत समस्या का जिक्र किसी दूसरे के साथ नहीं करना चाहिए. भले ही वह आपका कितना भी करीबी क्यों न हो अपनी निजी समस्या का उल्लेख किसी से नहीं करें. चाणक्य का मानना है कि समस्या का जिक्र करने पर लोग सामने तो दुख जताते हैं लेकिन पीठ पीछे बुराई कर खुशियां मनाते हैं.

अपने अपमान का जिक्र

चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपने अपमान के बारे में किसी से जिक्र नहीं करना चाहिए. यदि कोई आपका अपमान करता है तो उसका जिक्र कभी भी दूसरों के सामने न करें. चाणक्य का मानना है कि ऐसा करने से आपका अपमान और बढ़ता है और आपका मजाक भी उड़ाया जाएगा. यह आपकी इमेज को खराब कर सकता है.

पत्नी के चरित्र का जिक्र

चाणक्य ने यह भी कहा है कि मनुष्य को कभी भी दूसरे से अपनी पत्नी के चरित्र का उल्लेख नहीं करना चाहिए. अपनी पत्नी के स्वभाव और जीवन संबंधों के बारे में दूसरों को नहीं बताना चाहिए. ऐसा करने से आपकी ही नहीं बल्कि आपकी पत्नी की भी इज्जत जाती है और दूसरों को मजाक उड़ाने का मौका मिल जाता है. कुछ बातों को बताने से समस्या सुलझने की बजाय और उलझ जाती है.

व्यापार के संबंध में जिक्र

इसके अलावा चाणक्य नीति शास्त्र में कहा गया है कि अपने व्यापार संबंधी बातों का जिक्र कभी भी दूसरों के सामने नहीं करना चाहिए. व्यापार में लाभ-हानि की बातें कभी भी दूसरों से न करें. क्योंकि ऐसा करने से वह आपकी स्थिति से वाकिफ होंगे और जब आपको उनकी मदद की जरूरत होगी तब सहयोग नहीं मिल पायेगा.

आप बुद्धिमान तभी कहलायेंगे जब इन 4 बातों का जिक्र किसी से नहीं करेंगे. दोस्तों, यदि आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. धन्यवाद!

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