अध्यात्म

आखिर क्यों किसी की मृत्यु के बाद ही घर में करवाया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ? जानें

इस बात से हर व्यक्ति परिचित है कि जिसनें भी जन्म लिया है उसे एक ना एक दिन इस शरीर को छोड़कर जाना ही है। इस बात के बारे में हमारे धर्मशास्त्रों में भी बताया गया है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी कुछ परम्पराओं का निभाया जाना बहुत जरुरी होता है, जिसे उस व्यक्ति के परिवार वाले निभाते हैं। इन्ही में से एक परम्परा है किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ करवाना। आपको बता दें यह कार्य हर हिन्दू व्यक्ति को करना चाहिए।

मृतक की आत्मा को प्राप्त होती है शांति:

ऐसा कहा जाता है कि अगर मृत व्यक्ति के घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है तो मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। गरुड़ पुराण पगड़ी आदि रश्मों तक 12-13 दिनों तक पढ़ा जाता है। शास्त्रों में यह बात कहा गया है कि पगड़ी तक मरने वाले व्यक्ति की आत्मा उसी घर में निवास करती है और गरुड़ पुराण का पाठ सुनती है। गरुण पुराण का धार्मिक महत्व यही है कि इससे मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। यह परम्परा भारत में प्राचीन समय से ही चली आ रही है।

मृतक के परिवार को मिलती है दुःख सहने की शक्ति:

आज के समय में भी कई लोग इस प्राचीन परम्परा का पालन करते हैं। साधारण तौर पर जब किसी की मृत्यु होती है तो हर व्यक्ति के मन में कुछ सवाल होते हैं, जिनके बारे में वह जानना चाहता है। गरुड़ पुराण में व्यक्ति की मृत्यु से जुड़े हुए हर सवालों का जवाब मिल जाता है। जब गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो मृत व्यक्ति के परिवार वालों को दुःख के उस भारी समय में दुःख सहने की शक्ति प्राप्त होती है। गरुड़ पुराण व्यक्ति को हमेशा यही प्रेरणा देता है कि चाहे कुछ भी हो जाये जीवन में हमेशा अच्छे कर्म ही करने चाहिए।

व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का फल भुगतना होता है इसी जनम में:

हर व्यक्ति इस बात से परिचित है कि जैसा कर्म किया जाता है, उसी के अनुसार फल की प्राप्ति होती ही। गरुड़ पुराण कहता है कि व्यक्ति के अच्छे या बुरे कर्मों का फल उसे इसी जीवन में भुगतना पड़ता है। इसके साथ ही मरने के बाद उसके कर्मों का फल उसकी आत्मा को भी भुगतना पड़ता है। गरुड़ पुराण के ज्ञान के रहस्य को जानने के लिए मृत्यु के बाद का समय ही निर्धारित किया गया है, जिसे व्यक्ति जीवन और मृत्यु के बारे में जानकर मृत व्यक्ति से बिछड़ने के दुःख को सह सके।

आखिर क्या है गरुड़ पुराण में?

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु की भक्ति और उपासना के महत्व के बारे में बताया गया है। इसमें भगवान विष्णु के 24 अवतारों की कथाएं भी हैं। गरुड़ पुराण की शुरुआत मनु और श्रृष्टि की उत्पत्ति से होती है। इसके साथ ही अन्य पौराणिक कथाएं भी हैं। सूर्य-चन्द्र आदि ग्रहों के मंत्र, शिव-पार्वती के पूजन का महत्व, साथ ही सभी नौ शक्तियों से जुडी बातें भी बताई गयी हैं। गरुड़ पुराण दो हिस्सों में है। पहले में भगवान विष्णु की उपासना के महत्व के बारे में बताया गया है, जबकि दुसरे भाग में जीवन-मृत्यु के रहस्यों के बारे में। मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है और वह किस तरह से दूसरी योनियों में जन्म लेती है सबकुछ बताया गया है।

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