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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन परिचय

महात्मा गांधी का जीवन परिचय

आइए महात्मा गांधी का जीवन परिचय के बारे मैं विस्तार से पढ़ते हैं. हमारा भारत देश शहीदों का देश है. यहाँ अंग्रेजो ने कईं साल तक हमपर हुकुमत चलाई. मगर, उनसे आजादी दिलवाने को बहुत सारे लोग आगे आए और देश के लिए अपनी क़ुरबानी दी. इन शहीदों में सबसे ऊपर नाम शहीद भगत सिंह, उधम सिंह, महात्मा  गांधी, सुखदेव सिंह आदि का आता है. या फिर ये कह लीजिए कि भारत देश की मिट्टी ने कईं महापुरुषों को जन्म दिया जिन्होंने अपना तन, मन और धन देश के नाम कर दिया. इन्ही में से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी एक थे. महात्मा गांधी को आज हम सब बापू के नाम से भी जानते हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको राष्ट्रपिता महात्मा  गांधी का जीवन परिचय करवाने जा रहे हैं.

आपको हम बता दें कि महात्मा  गांधी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था. बापू ने सत्य, अंहिसा और सत्याग्रह के संघर्ष से भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलवाई. भले वह आज इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन, फिर भी वह करोड़ों भारतियों के दिलों में बसते हैं. गांधी जी के तीन मुख्य सिद्धांत थे- “बुरा मत देखो”, “बुरा मत सुनो” और “बुरा मत बोलो”.  चलिए महात्मा गांधी के के जीवन परिचय में कुछ ख़ास बातें जान लेते हैं.

महात्मा गांधी की जीवनी 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म सन 1869 में 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर स्थान पर हुआ था. बाबू के पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि पोरबंदर के दीवान थे साथ ही उनकी माता का नाम पुतलीबाई था. बचपन से ही पुतलीबाई महात्मा गांधी को सच्चे जीवन का उद्देश्य समझाती और भगवान की भक्ति पर अधिक जोर देती जिसके गांधी के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ा. उस समय में छोटी उम्र में ही बच्चों की शादी कर दी जाती थी. इसीलिए मात्र 13 वर्ष की आयु में ही महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा माखनजी से कर दिया गया. आपको हम बता दें कि दोनों की शादी साल 1883 में हुई. कस्तूरबा को अधिकतर लोग “बा” के नाम से जानते थे.

महात्मा गांधी की जीवनी के अनुसार: महात्मा गांधी की शुरूआती शिक्षा पोरबंदर और राजकोट में हुई. उसके बाद उन्हें भावनगर के समय दास कॉलेज में दाखिल करवा दिया गया और यहीं से उन्होंने बैचलर डिग्री प्राप्त की. 4 सितंबर 1888 को महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में लॉ की पढ़ाई के लिए निकल पड़े. दरअसल शुरुआत में वह एक बैरिस्टर बनना चाहते थे जिसके कारण उन्होंने इंग्लैंड जाने का निर्णय लिया. पढ़ाई खत्म होने के बाद वह वापस भारत लौट आए और वकालत की प्रैकटिस शुरू कर दी परंतु इसमें वह सफल नहीं हो पाए.

भारत में ही उन्होंने 1893 में दक्षिण अफ्रीका की एक कंपनी में कानूनी सलाहकार के तौर पर काम शुरू किया. परंतु अफ्रीका में बढ़ रहे नक्सलवाद से गांधी जी को भी गुजरना पड़ा. हालांकि, उस वक्त उनके पास प्रथम श्रेणी का कोच टिकट था परंतु इसके बावजूद भी उन्हें तीसरी श्रेणी के कोच में भी नहीं जाने दिया और ट्रेन से धक्का मार कर बाहर फेंक दिया गया.महात्मा गांधी का जीवन परिचय बहुत ही सरल था. गांधी बहुत ही सरल जीवन वयतीत करते थे. महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलवाने के लिए कई प्रकार के आंदोलनों में सहयोग दिया.

महात्मा गांधी के विचार

महात्मा गांधी की जीवनी के अनुसार यदि हम देखे तो वह आलिशान जिंदगी जी सकते थे, परन्तु महात्मा गांधी के विचार ऐसे नहीं थे. उनको अपना जीवन सादगी मैं जीने मैं विश्वास था. महात्मा गांधी का जीवन परिचय बहुत ही सौम्य रहा था. महात्मा गांधी के विचार बहुत ही अनमोल थे. महात्मा गांधी शुरू से ही काफी समझदार थे. वह भारत के लोगों को अहिंसा के मार्ग पर चलने की सलाह देते थे. चलिए जानते हैं महात्मा गांधी के कुछ अनमोल विचारों के बारे में.

  • गलती करना पाप है, मगर उसे छुपाना उससे भी बड़ा पाप है.
  • हम जो जंगलों के साथ कर रहे हैं, वह बस उस चीज का प्रतिबिंब है जो हम एक दूसरे के साथ अक्सर करते आ रहे हैं.
  • सुबह उठकर एक संकल्प लें कि आपको किसी से डरना नहीं है, डरना ही है तो भगवान से डरो, किसी का बुरा नहीं करना, हमेशा सत्य का साथ देना है और असत्य का विरोध करना है.
  • हम जो समय बचाते हैं वह बचाए हुए धन की तरह ही हमारे काम आता है.
  • कल क्या होगा मैं नहीं जानता मगर मुझे वर्तमान की चिंता है, क्योंकि मुझे आने वाले समय पर भगवान ने कोई नियंत्रण नहीं दिया है.
  • अगर उपवास रखना ही है तो अपने मन का रखें ना के शरीर का.
  • कुछ इस तरह जिंदगी जियो जैसे कि कल तुम्हारा आखिरी दिन हो, कुछ ऐसा नया सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने लग जाओ.
  • लंबे लंबे भाषण देने से अच्छा है कि आप सच्चाई की राह पर अपना कदम बढ़ाओ.
  • सुख बाहर से मिलने वाली चीज नहीं, परंतु अहंकार छोड़े बगैर इस की प्राप्ति भी होने वाली नहीं.
  • कुछ गिनना ही है तो लोगों के अच्छे गुणों को गिनो, क्यूंकि गलती गिनना महानता नहीं कहलाता.

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