मौसम के बदलाव को झेलने और बीमारियों से बचाने में मदद करेगा यह करामाती काढ़ा!
मौसम का यह बदलाव बहुत ही बुरा होता है, यह अपने साथ बहुत सारी बीमारियाँ ले आता है। कुछ बीमारियाँ तो बहुत ही साधारण होती हैं और कुछ बड़ी होती हैं। बीमारियों से शरीर का बहुत बुरा हाल हो जाता है, बहुत ज्यादा थकावट और कोई भी काम ना करने का मन होता है इस समय। सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खराश और सीने में जकड़न आम बात होती है इस समय के लिए। कोई भी इनकी चपेट में आसानी से आ जाता है। अगर हम इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर एक महंगी दवा बताता है, जिसको सभी लोग खरीद नहीं पाते हैं। कई बाद अंग्रेजी दवाओं से काफ़ी नुकसान भी होता है। लेकिन आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है, आज हम आपको एक ऐसा इलाज बताने जा रहे हैं जो आप घर पर ही बहुत कम खर्च में कर सकते हैं। हम आपको एक ऐसे काढ़े (magical brew) के बारे में बताने जा रहे हैं जो मौसम के इस बदलाव में होने वाली बीमारियों से आपकी रक्षा करेगा और साथ ही यह बहुत स्वादिष्ट भी होता है।
काढ़ा बनाने के लिए आवश्यक चीजें:
- कच्चा सेब का सिरका ,एक चौथाई कप बिना फिल्टर किया हुआ
- एक चौथाई कप नींबू का रस
- 2 चम्मच कच्चा शहद
- 1 चम्मच सोंठ पाउडर
- कुटी हुई मिर्च या आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- एक चुटकी काली मिर्च पाउडर
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर
काढ़ा बनाने की विधि (Magical Brew):
सर्वप्रथम एक कटोरे में कच्चे सेब का सिरका, सोंठ का पाउडर, शहद और नींबू का रस ड़ाल कर अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद इसमें मिर्च पाउडर और हल्दी पाउडर को अच्छी तरह से मिला लें और सबसे आखिर में आप एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डाल कर अच्छी तरह से मिलायें। इस तरह से आपका स्वादिष्ट और बीमारियों को दूर करने वाला करामाती काढ़ा तैयार हो जायेगा ।
काढ़े के लाभ :
सेब में बहुत सारे विटामिन होते हैं और नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और आपकी खाँसी को रोकने में फायदेमंद होता है। इससे आपको सीने की जकड़न में राहत मिलती है। साइनस की समस्याो काढ़े में पड़ी काली मिर्च से दूर हो जाती है। इस काढ़े में सोंठ भी पड़ा होता है जो आपके गले की खरास को दूर करने में सहायक होता है। हल्दी आपको होने वाले संक्रमण से सुरक्षित रखती है। सेव का सिरका आपका पेट ठीक रखता है और फ्री रेडिकल्स को बढ़ने से रोकता है। मौसमी बीमारियों के समय इसका सेवन अवश्य ही करना चाहिए।