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जेटली के दावों को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने किया खारिज, कहा ‘किसानों की आय दोगुना करना असंभव’

नई दिल्ली: गुरूवार को लोकसभा में देश का बजट पेश किया गया, जिसके बाद से ही पक्ष और विपक्ष आमने सामने आ चुके हैं। जी हां, अब बजट पर खुलकर आरोपों की लड़िया लगाई जा रही है। बता देंं कि बजट पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जेटली के वादों की पोल खोल दी। याद दिला दें कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह एक अर्थशास्त्री भी है, ऐसे में बजट को समझना उनके लिए बहुत ही आसान है। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों पूर्व पीएम ने कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करना असंभव है?

मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट को जहां किसानों और गरीबों के लिए सौगात माना जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ मध्यम वर्ग के लिए मायूसी माना जा रहा है। बता दें कि गुरूवार को जब जेटली अपनी पोटली से घोषणा कर रहे थे, तब संसद में उनकी पीठ थपथपाई जा रही थी। जेटली के भाषण के बाद पीएम मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की। बता दें कि इस बजट में सबसे बड़ा वादा ये किया गया है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, ऐसे में पूर्व पीएम ने जेटली के इस वादे की समीक्षा कर इसे खारिज कर दिया।

बजट में किसानों की आय को दोगुनी करने पर पूर्व पीएम ने असहमति जताते हुए कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना तब तक संभव नहीं है,जब तक कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 12 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाती। साथ ही पूर्व पीएम ने ये भी कहा कि हम तक ये नहीं कह सकते है, जब तक हमारे हाथ में कुछ आ न जाए। मतलब साफ है कि पूर्व पीएम के मुताबिक जब तक कृषि वृद्धि की दर 12 फीसदी तक न पहुंचे। पूर्व पीएम ने इस वादे को जुमला बताते हुए कहा कि राजकोषी घाटे में वृद्धि हुई है। बता दें कि विपक्ष की बैठक में मनमोहन सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मुझे टेंशन है कि वित्तीय अंकगणित में कुछ गड़बड़ है।

पूर्व पीएम ने आगे कहा कि ये वादे नहीं बल्कि जुमले है, लेकिन यहां ये देखना होगा कि आखिर सरकार अपने वादों को कैसे पूरा कर पाएगी? बहरहाल, विपक्ष और सरकार में ये लड़ाई तो चलती ही रहती है, लेकिन एक बात तो साफ है कि सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वो अपने इस बजट में किये गये वादों को जुमले के तौर पर न देखते हुए बल्कि उसे पूरा करने की कोशिश करे।

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