समाचार

बजट सत्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए सोनिया ने बुलाई विपक्ष की बैठक

देश: संसद में सत्ताधारी पार्टी को घेरने की परंपरा पुरानी है। जी हां, इस परंपरा के मुताबिक विपक्ष संसद में सत्ताधारी पार्टी के विभिन्न मुद्दे पर घेरती है। बता दें कि संसद में विपक्ष को जनता का प्रतिनिधि माना जाता है, जोकि सरकार से उसके कामकाज का हिसाब लेने के साथ ही सवाल भी पूछती है, लेकिन इस समय अगर विपक्ष को देखा जाए तो वो सिर्फ हंगामा करती हुई नजर आती है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में खास क्या है?

संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है। 1 फरवरी को आम बजट भी पेश होगा, ऐसे में विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करती हुई नजर आ रही है। बता दें कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 1 फरवरी की शाम को सभी विपक्षी पार्टियोंं की बैठक बुलाई है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि आखिर सरकार को इस सत्र में किन किन मुद्दों को लेकर घेरा जा सकता है। बैठक के बहाने विपक्ष अपनी एकता को दिखाने की भी कोशिश करने लगा है।

याद दिला दें कि सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, फारुख अब्दुल्ला, डी. राजा और शरद यादव शामिल हुए थे, लेकिन बैठक में सभी दलों के नेता शामिल नहीं हो पाएं, जिसकी वजह से बैठक को अगले हफ्ते के लिए टाल दिया गया है, हालांकि विपक्ष सरकार को चुनौती देने के लिए हर एक कोशिश करती हुई नजर आ रही है, इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर विपक्ष ने संविधान बचाओ रैली भी की थी।

दरअसल, इस सत्र में विपक्ष सरकार को रोजगार, मंहगाई और हाल ही में हुई कासगंज हिंसा को लेकर घेरने की कवायद में जुटी है। बता दें कि सोनिया की अगुवाई में होने वाली इस बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं के पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर विपक्ष एकजुट के मामलें में किस हद तक सफल हो पाती है?

Back to top button