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दुश्मन के छक्के छुड़ाने में हैं माहिर, दुश्मन के दिल में खौफ पैदा करना इनके बाएँ हाथ का खेल!

भारतीय सेना में बहुत तरह के रेजीमेंट हैं जो अलग- अलग स्थितियों के हिसाब से अलग- अलग जगहों पर तैनात रहती है। भारतीय सेना के इन जवानों का कोई मुकाबला नहीं है। इनके जज्बे के आगे दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं। एक बार देख लेने के बाद दुश्मन के दिल में खौफ आना आम बात है। यहाँ हम आपको भारतीय सेना के कुछ रेजीमेंट (Indian Army Regiments) के बारे में बता रहे हैं-

1. पैराशूट रेजीमेंट:

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इस रेजीमेंट की स्थापना आज़ादी से पहले ही की गयी थी, 29 अक्टूबर 1941 को अंग्रेजों ने भारतीय सेना में इस रेजीमेंट को शामिल किया था। वर्तमान समय में लेफ्टिनेंट जनरल एन.के.एस घई इस रेजीमेंट के मुखिया हैं। यह रेजीमेंट देश के सभी सैन्य बलों को हवाई मदद पहुँचाने का कम करता है। 10 में से 9 पैराशूट बटालियन की तैनाती सन 1999 में कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन विजय के लिए हुई थी। पैराशूट बटालियन 6 और 7 ने कारगिल युद्ध में मुश्कोह घाटी पर विजय प्राप्त की थी, वहीं पैराशूट बटालिन 5 ने बाटालिक प्वाइंट पर जीत हासिल की थी ।

 

2. मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट:

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1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सेना को मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट की बहुत ज्यादा ज़रूरत महसूस हुई। 1979 में मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी रेजीमेंट की स्थापना की गई। मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट ऑपरेशन ‘पवन’ के तहत श्रीलंका, ऑपरेशन ‘रक्षक’ के तहत पंजाब और जम्मू-कश्मीर, ऑपरेशन ‘विजय’ के तहत जम्मू-कश्मीर में अपना कमाल दिखा चुकी है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र शांति कार्यक्रमों में सोमालिया, कांगो, एंगोला और सिएरा लियोन में भी सराहनीय भूमिका निभा चुकी है।

 

 

3. पंजाब रेजीमेंट:

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भारत की सबसे पुरानी फौजी रेजीमेंट में पंजाब रेजीमेंट है। पंजाब रेजीमेंट का भी बंटवारा भारत-पाक बंटवारे के समय हुआ था। जिसका दूसरी बटालियन भारत को तथा पहला हिस्सा पाकिस्तान को मिला। पंजाब रेजीमेंट विदेशों में होने वाले शांति कार्यक्रमों में काफी सक्रिय रही है। पंजाब रेजीमेंट का जौहर ‘लोगेंवाला’ की लड़ाई में हम सभी देख चुके हैं, जिसने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी। पंजाब रेजीमेंट के 122 अधिकारियों का कोर्टमार्शल ऑपरेशन ‘ब्लूस्टार’ के समय हुई बगावत की वजह से किया गया था। यह भारतीय सेना के इतिहास की सबसे बड़ी घटना थी।

4. मद्रास रेजीमेंट:

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भारतीय सेना की सबसे पुराने रेजीमेंट में से एक मद्रास रेजीमेंट है। इसकी स्थापना 1750 के दशक में अंग्रेजों ने की थी, मद्रास रेजीमेंट के नाम तमाम उपलब्धियाँ हैं। इस रेजीमेंट में कुल 23 बटालियन हैं।

 

 

5. राजपूत रेजीमेंट ( Indian Army regiments) :

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राजपूत रेजीमेंट को सन 1778 में अंग्रेजों ने बनाया था। दोनों विश्वयुद्धों में राजपूत रेजीमेंट ने अंग्रेजों के लिए लड़ाई की थी, पाकिस्तान से लोहा भारत-पाक बंटवारे के तुरंत बाद लिया। राजपूत रेजीमेंट ने भारत-चीन युद्ध में भी अपने साहस का परिचय दिया था। राजपूत रेजीमेंट के नाम से 1971 में पाकिस्तानी सैनिक भय खाते थे।

6. जाट रेजीमेंट:

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जाट रेजीमेंट की स्थापना अंग्रेजों द्वारा 1795 में की गई थी। अपनी बहादुरी के लिए जाट रेजीमेंट को कई युद्ध सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है, जिसमें 2 अशोक चक्र, 32 शौर्य चक्र, 8 महावीर चक्र, 2 विक्टोरिया क्रॉस, 8 कीर्ति चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना पदक शामिल हैं।

 

 

7. सिख रेजीमेंट (Indian Army Regiments- Sikh) :

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सिख रेजीमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने 1 अगस्त 1846 में की थी। सिख रेजीमेंट निश्चय कर ‘अपनी जीत करो’ के नारे के साथ अपनी 19 बटालियन को लेकर आगे बढ़ते हैं। सिख रेजीमेंट ने ब्रिटिश भारत के दौरान महत्वपूर्ण मोर्चों पर फतेह हासिल की और स्वतंत्रता के बाद देश की होने वाली हर लड़ाई में अपने साहस का परिचय दिया। कारगिल युद्ध के समय टाइगर हिल पर कब्ज़ा सिख रेजीमेंट ने ही किया था।

8. डोगरा रेजीमेंट:

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डोगरा रेजीमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन 1877 में की थी। पाकिस्तान के दाँत डोगरा रेजीमेंट ने एक बार नहीं, बार-बार खट्टे किए हैं। देश की सबसे खतरनाक रेजीमेंट में डोगरा रेजीमेंट का नाम सबसे आगे है।

 

 

9. कुमायूं रेजीमेंट:

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कुमायूं रेजीमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन 1813 में की थी। अब तक 4 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 2 परम वीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र समेत अनेक पुरस्कार कुमायूं रेजीमेंट प्राप्त कर चुकी हैं। कुमायूं रेजीमेंट ने बहुत सारे युद्धों में अपना कौशल दिखाया है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन ग्लेशियर में कुमायूं रेजीमेंट ही तैनात है।

10. असम रेजीमेंट (Indian Army Regiments – Assam) :

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असम रेजीमेंट की स्थापना 15 जून 1941 को अंग्रेजी शासन के दौरान हुई थी। असम रेजीमेंट में मुख्य तौर पर भारत के नॉर्थ- ईस्ट क्षेत्र के सिपाहियों को भर्ती किया जाता है। चीन हमले और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में असम रेजीमेंट ने हिस्सा लिया था।

 

 

11. बिहार रेजीमेंट (Indian Army Regiments – Bihar) :

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इस रेजीमेंट की स्थापना भी 1941 में की गई थी। द्वितीय विश्वयुद्ध में बिहार रेजीमेंट ने हिस्सा लिया था। भारत-पाक के सभी युद्धों में इस रेजीमेंट ने हिस्सा लिया है। कारगिल युद्ध में भी बिहार रेजीमेंट ने दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे।

12. महार रेजीमेंट:

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महार रेजीमेंट की स्थापना भी सन 1941 में अंग्रेजों के समय हुई थी। महार रेजीमेंट को 1 परमवीर चक्र, 4 महावीर चक्र समेत बहुत सरे पुरस्कार मिल चुके हैं। महार रेजीमेंट के लिए देश के सभी कोने से सिपाहियों की भर्ती की जाती है।

13. नागा रेजीमेंट :

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देश का सबसे नई रेजीमेंट नागा रेजीमेंट है। नागा रेजीमेंट की स्थापना 1970 में हुई थी। स्थापना के तुरंत बाद बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा नागा रेजीमेंट ने लिया था। द्रास सेक्टर में कमान नागा रेजीमेंट ने कारगिल युद्ध के समय संभाली थी। नागा रेजीमेंट (Indian Army Regiments – Naga) को बहुत सारे युद्ध सम्मान भी प्राप्त हैं।

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