बड़ी ख़बर : करणी सेना का ऐलान, भंसाली की मां पर बनाएंगे फिल्म और नाम होगा….
नई दिल्ली – फिल्म पद्मावती कोर्ट के फैसले के बाद रिलीज हो चुकी है। फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज किया गया। हालांकि, फिल्म रिलीज होने के बाद करणी सेना और अन्य संगठनों का विरोध-प्रदर्शन अभी भी जारी है। आपको बता दें कि पहले संजय लीला भंसाली की यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी थी, लेकिन इसे 25 तारीख को रिलीज किया गया। लेकिन, फिल्म के रिलीज के बाद देश के कई शहरों में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की है। कई थियेटरों में आगजनी की भी खबरें सामने आई हैं। अब करणी सेना ने भंसाली से बदला लेने के लिए एक और ऐलान कर दिया है।
करणी सेना के विरोध के बाद भी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत रिलीज हो चुकी है। इसी बात से खुन्नस खाये करणी सेना ने भंसाली से बदला लेने के लिए एक अलग तरीका अपना लिया है। करणी सेना ऐलान किया है कि वह एक फिल्म बनाएगी जो ‘भंसाली की मां’ पर आधारित होगी। गुरूवार को चित्तौडगढ़ में करणी सेना ने ऐलान किया कि हम पद्यावती का बदला लेने के लिए संजय लीला भंसाली की मां के ऊपर एक फिल्म बनाएंगे जिसका नाम ‘लीला की लीला’ होगा। आपको बता दें कि भंसाली की मां का नाम लीला है। करणी सेना की ओर से कहा गया है कि यह फिल्म करणी सेना के कार्यकर्ता अरविंद व्यास के निर्देशन में बनाई जाएगी और इसकी शूटिंग राजस्थान और मुम्बई में होगी।
फिल्म में जो भी खर्च आयेगा वह लोगों से चंदे के रुप में होगा। इधर पद्मावत के रिलीज होने के विरोध में करणी सेना और राजपूत सभा सहित कई संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और जमकर उत्पात मचाया। कुछ ने दुकानों से सामान बाहर निकालकर सड़क पर फेंक दिए। हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। गौरतलब है कि फिल्म पद्यावत खिलजी और चित्तौड के राजा रावल रतन सिंह के बीच लड़े गए युद्ध पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि अलाउद्दीन खिलजी महारानी पद्मावती की एक झलक देखकर उनकी चाहत में पागल हो जाता है और उन्हें पाने की कोशिश में उनके राज्य पर हमला कर देता है।
फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का गुणगान विवाद की असल वजह है। पद्यावती को लेकर विवाद उस वक्त शुरु हुआ था जब करणी सेना ने भंसाली को फिल्म में खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच कुछ ड्रीम सीक्वेंस फिल्माने के आरोप पिट दिया। करणी सेना के मुताबिक, रानी पद्मावती को फिल्म उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में कभी नहीं हुआ। करणी सेना का कहना है कि इतिहास में ऐसा कहीं जिक्र नहीं है कि पद्यावती और खिलजी के बीच कोई संबंध था। यह फिल्म इतिहास और राजपूताना का अपमान है।