समाचार

राष्ट्रपति ने AAP पार्टी के खिलाफ लिया अब तक का सब से बड़ा फैसला, दिल्ली में फिर होंगे चुनाव

नई दिल्ली:  आप पार्टी के विधायकों के अयोग्य करार देने के सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लगाई मुहर। जी हां, आप पार्टी की रही सही उम्मीद भी अब टूट चुकी है। मतलब साफ है कि अब दिल्ली में उपचुनाव होंगे। बता दें कि चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है, जिसके बाद अब तय हो गया है कि दिल्ली में उपचुनाव होंगे।

बता दें कि शुक्रवार से ही दिल्ली की सियासत में हलचलें मची हुई थी जोकि अब थमती हुई नजर आ रही है। जी हां, चुनाव आयोग के फैसले से दिल्ली की सियासत में भूचाल आया था। अभी तक मामला आरोप प्रत्यारोप पर चल रहा था, लेकिन अब तस्वीरें बिल्कुल साफ हो गई हैं।

आम आदमी पार्टी की तमाम उम्मीदों पर राष्ट्रपति ने पानी फेर दिया है। राष्ट्रपति ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया है, जिसके बाद अब यह देखना होगा कि आखिर दिल्ली में उपचुनाव कब होंगे? बताते चलें कि आम आदमी पार्टी ने इससे पहले चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से ही सियासी पारा गरम हो गया था, लेकिन अब राष्ट्रपति के फैसले से सबकुछ साफ साफ हो गया है।

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2015 में ‘आप’ पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था, जिसके बाद एक वकील ने लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। इन विधायकों में से विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्यां 20 हो गई।

बहरहाल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है, क्योंकि केजरीवाल के पास अभी बहुमत है। जी हां, केजरीवाल के पास अभी भी 42 विधायक है, जोकि बहुमत के आकड़े से कहीं ज्यादा है। लेकिन जो भी हो, केजरीवाल पार्टी को बड़ा झटका लगा। बता दें कि एक तरफ केजरीवाल अपने विधायकों के बेगुनाही का सबूत देने की तैयारी कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति ने अपना फैसला सुना दिया।

Back to top button