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लाभ का पद मामलें से नाखुश ‘आप’ ने राष्ट्रपति से मांगा समय, बीजेपी की हर तिकड़म फेल

नई दिल्ली: दिल्ली की सियासत में तूफान मचा हुआ है। जी हां, दिल्ली की सियासत अब हर पल नये मोड़ लेती नजर आ रही है। जहां एक तरफ चुनाव आयोग की सिफारिश तो वहीं दूसरी तरफ आप पार्टी के गहरे आरोप के बीच में फस चुकी है दिल्ली की सियासत। बता दें कि दिल्ली की सियासत में हर कोई इस समय अपना उल्लू सीधा करने में लगा हुआ है। आइये देखते है कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने मामलें में राष्ट्रपति से समय मांगा है। दरअसल,आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्हें राष्ट्रपति से समय चाहिए ताकि उनके विधायक सबूत पेश कर सके। बता दें कि लाभ का पद मामलें में दिल्ली से लखनऊ तक आप पार्टी पुरी तरह से बौखला गई है। आप पार्टी के संयोजक केजरीवाल के साथ ही दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया मामलें में लगातार मीडिया को जबाव देते फिर रहे हैं।

बता दें कि केजरीवाल का कहना है कि गुरूवार से ही मीडिया में यह खबर छाई हुई है, लेकिन हमारे विधायकों ने कोई लाभ नहीं लिया है। इतना ही नहीं, शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि हमारे विधायकों ने तो सैलेरी तक नहीं लिया है, ऐसे में बिना किसी सबूत के चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहरा देना गलत है। साथ ही उन्होंने बीजेपी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सब बीजेपी वाले ही करा रहे हैं, हमारे काम से डरते हैं बीजेपी वाले।

याद दिला दें कि इससे पहले आप पार्टी ने कहा था कि बीजेपी चाहे कितने भी तिकड़म क्यों न अपना लें अब तक उसके सारे तिकड़म फेल हुए है, साथ ही अंत में जीत सच्चाई होगी। बताते चले कि मामलें में आप पार्टी का आरोप है कि चुनाव आयोग ने उनके विधायकों की एक बात भी नहीं सुनी। खैर, ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या आप पार्टी के आरोपों में सच्चाई है या फिर विधायकों अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ेगा?

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