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इस अद्भुत पेड़ से निकल रहा है एक अजीब तरह का सफ़ेद तरल पदार्थ, लोग कर रहे हैं बीमारियों का इलाज

प्रकृति के रहस्यों को समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। समय-समय पर प्रकृति ऐसे-ऐसे चमत्कार दिखाती है कि उसे देखने के बाद वौज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। कई रहस्यों के बारे में वैज्ञानिकों के पास भी कोई जवाब नहीं होता है। प्रकृति ने ही इस पृथ्वी पर जंगल, नदियाँ और पहाड़ बनाये हैं। इन सभी का इंसान के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्राचीनकाल से ही इन्सान प्रकृति की गोद में रहता आया है। इंसान के जरूरत की सभी चीजें, उसे प्रकृति से ही प्राप्त होती रही हैं।

कई बार हमारे आस-पास ही प्रकृति अपने अजीबो-गरीब नज़ारे दिखाती है, जिसे लोग ईश्वर का चमत्कार मान बैठते हैं। हाल ही में एक ऐसी ही घटना उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के नसीरपुर क्षेत्र में देखने को मिली है। वहां एक नीम के पेड़ से कई दिनों से लगातार एक सफ़ेद रंग का तरल पदार्थ निकल रहा है। इसे वहां के स्थानीय निवासी चमत्कार मान रहे हैं। कुछ लोगों के लिए यह आस्था का विषय भी बना हुआ है। कई लोग उस नीम के पेड़ की पूजा भी कर रहे हैं।

वहां के ग्रामीणों का मानना है कि यह देवी माँ का चमत्कार है और इससे कई रोगों का इलाज भी हो रहा है। पेड़ के नीचे लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गयी है। लोग इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। नीम के पेड़ के नीचे लोग पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन भी कर रहे हैं। आज 21वीं सदी में विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है, लेकिन आज भी कुछ लोग अन्धविश्वास के चक्कर में पड़े हुए हैं। आपको बता दें यह अजीबो-गरीब नजर फिरोजाबाद के नसीरपुर थाना क्षेत्र के राजोरा गाँव का है।

यहाँ एक नीम का पेड़ है, जिसमें से एक सफ़ेद तरल पदार्थ के निकलने से लोग दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। केवल यही नहीं पेड़ के नीचे बैठकर कुछ महिलाएं भजन-कीर्तन भी कर रही हैं। महिलाओं का मानना है कि पेड़ से अपने आप तरल पदार्थ निकल रहा है, यह एक दैवीय चमत्कार है। केवल यही नहीं वहां के स्थानीय लोगों का यह भी मानना है कि इससे लोगों के रोग भी दूर हो रहे हैं। इस समय उस गाँव में मेले जैसा माहौल बना हुआ है। लोग दूर-दूर से इस चमत्कार को देखने के लिए आ रहे हैं।

इस घटना के बारे में डॉक्टर विशेष यादव का कहना है कि नीम का पेड़ एंटीबाइटिक गुणों से भरा होता है। इसी वजह से नीम के पेड़ से निकलने वाले दूध को पीने से छोटी-छोटी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। लोग इसे अन्धविश्वास की वजह से भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। वनस्पति विज्ञान के पूर्व शिक्षक दिनेशकान्त दोषी का मानना है कि किसी पेड़ के तने से तरल पदार्थ निकलने की प्रक्रिया रासायनिक होती है।

उनके अनुसार किसी भी पेड़ में दो टिस्यू होते हैं। जिसमें से जायलम का काम पेड़ के जड़ से पत्तियों तक पानी पहुँचाने का तथा फ्लोइम का काम पत्तियों से भोजन जड़ तक पहुँचाने का होता है। पेड़ के कटने या फटने की स्थिति में जायलम की वजह से इस तरह का तरल पदार्थ निकलना स्वाभाविक बात है, इसमें किसी दैवीय चमत्कार की बात नहीं है।

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