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अपनी ही पत्नी से DM ने कराया हैरान कर देने वाला काम, लोगों को अब भी नहीं हो रहा यकीन

आज के बदलते दौर में भी बहुत लोग ऐसे हैं जो महिलाओं को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते. हर क्षेत्र में अव्वल आने के बावजूद वह महिलाओं को अपने से नीचे का ही दर्जा देते हैं और यदि महिला उनसे आगे निकल जाए तो वह उसे पीछे लाने की हर संभव कोशिश करते हैं. लेकिन ऐसे दौर में कुछ लोग ऐसे भी मौजूद हैं जो महिलाओं को खुद से कम नहीं समझते. उन्हें महिलाओं की सफलता से ईर्ष्या नहीं होती बल्कि उन्हें गर्व महसूस होता है जब उनकी पत्नी, बहन या बेटी बड़ा नाम कमाती है.

वह पूरे सम्मान के साथ महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका देते हैं. उनके हर एक कदम में साथ रहकर वह उन्हें पूरा सहयोग देते हैं. हमारे समाज को आज ऐसे ही समझदार और पढ़े- लिखे लोगों की ज़रुरत है जो महिला और पुरुष में अंतर नहीं समझते. आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति से मिलायेंगे जो एक बड़े ओहदे पर होते हुए भी अच्छा काम करना नहीं भूले. वर्ना आजकल के टाइम में पॉवर आ जाने पर लोग ईमानदारी भूल जाते हैं. लेकिन इस व्यक्ति ने एक ऐसा काम किया है जिसकी तारीफ हर सुनने वाला कर रहा है.

दरअसल, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के एक सरकारी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक कम पड़ रहे थे. बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही थी. उनकी इस समस्या को देखते हुए उसने यह बात अपनी पत्नी को बताई. फिर उसकी पत्नी ने बच्चों की इस समस्या का समाधान निकालने का फैसला किया. उसकी पत्नी ने खुद स्कूल में बच्चों को विज्ञान पढ़ाने का जिम्मा उठाया.

आपको जानकर हैरानी होगी कि हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि वहां का DM है. DM मंगेश की पत्नी ने खुद बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई. बागेश्वर के लोग dm मंगेश के काम से काफी खुश रहते थे और हमेशा उनकी तारीफों के पुल बांधा करते थे. लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनका ट्रांसफर कहीं और कर दिया गया है तो सभी लोग बहुत दुखी हुए.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिविल सेवा 2011 में मंगेश ने चौथा रैंक हासिल किया था. इतनी अच्छी रैंक हासिल करने के बाद उनके पास बाहर जाने का भी मौका था लेकिन उन्होंने अपने देश को प्रथम स्थान देते हुए यहीं रहकर लोगों की सेवा करने की ठानी. ऐसे अफसरों की हमारे देश को बहुत ज़रुरत है और ऐसी सोच रखने वालों को हम सलाम करते हैं.

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