स्वास्थ्य

शादी के बाद गम्भीर बीमारियों का खतरा हो जाता है कम,खासकर पुरूषों को मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

शादी वैसे तो एक सामाजिक रस्म है जिसके जरिए दो व्यक्ति एक साथ एक नए जीवन की शुरूआत करते हैं और ऐसे में ये रस्म आपको सामाजिक और व्यवहारिक रूप से अधिक मजबूती देता है लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि शादी करने से ना सिर्फ आपको सामाजिक लाभ मिलता है बल्कि इससे आपका स्वास्थय लाभ भी मिलता है और कई सारी गम्भीर बीमारियों का खतरा पहले कम हो जाता है, तो शायद ही आप इस पर यंकीन करें पर आपको बता दें ये वास्तव में सच है जिसका खुलासा हाल ही में हुए स्वास्थ्य सर्वे में हुआ है। आज हम आपको इसी सर्वें के आधार पर बताने जा रहें हैं कि शादी के बाद व्यक्ति को कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

इस स्वास्थय सर्वे की माने तो अविवाहित व्यक्ति की तुलना में विवाहित पुरूषों में जल्दी मरने की आशंका 6 प्रतिशत तक कम हो जाती है। दरअसल सात वर्ष के अध्ययन के दौरान मेडिकल साइंस इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि शादीशुदा पुरुष सिंगल लोगों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ रहते हैं और लम्बे समय तक जीवित रहते हैं। इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क है कि चूंकि महिलाएं अपने पति का काफी ख्याल रखती हैं, उनके खान-पान से लेकर मेडिकल रूटीन चेकअप का ध्यान रखती हैं। साथ ही पत्नियां पति का तनाव भी बांटती हैं और इसके अलावा वे ज्यादातर काम खुद करती हैं जबकि वहीं दूसरी तरफ अकेले रहने वाले पुरुषों को अपने सारें काम खुद ही करने पडते हैं।ऐसे में अध्ययन के वैज्ञानिकों ने बाद ये निष्कर्ष निकाला कि एक समय के बाद सभी पुरुषों को शादी जरूर कर लेनी चाहिए।

वहीं वल्र्ड हार्ट फेडरेशन अपनी रिपोर्ट में ये कहता है शादी करने के बाद लोगों को जो प्रेम और सहयोग मिलता है वो दिल की मजबूती के लिए बेहतरीन दवा है। स्वास्थय विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेम से भावनात्मक सहारा मिलता है और इसकी वजह से दिल पर अतिरिक्त पर बोझ नहीं पड़ता है। यही वजह है कि शादीशुदा लोगों को दिल का दौरा पडने का खतरा सिंगल लोगों की तुलना में काफी कम होता है।

दरअसल वल्र्ड हार्ट फेडरेशन ने दिल का दौरा, पक्षाघात या हिप फ्रेक्चर जैसे गम्भीर बीमारियों से ग्रसित 240 रोगियों का विश्लेषण किया और ये पाया कि ऐसी गम्भीर बीमारियों में व्यक्ति को ठीक करने में जितना योगदान मेडीसिन का होता है, उससे कहीं अधिक सहायक व्यक्ति का सकारात्मक रूख साबित होता है। वहीं विशेषज्ञों ने ये भी पाया कि सामाजिक तौर पर अलग-थलग पडें व्यक्ति को हार्टअटैक या कोरोनरी में गडबडी होने की संभावना अधिक रहती है।

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