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इस गाँव में विवादों के निपटाने के लिए पुलिस या कोर्ट नहीं बल्कि विराजमान हैं हनुमान जी

हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। हनुमान जी की हमेशा अपने भक्तों पर दयादृष्टि बनी रहती है। हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार के दिन की जाती है। जो भी भक्त एक बार सच्चे मन से इनके नाम का ध्यान करता है, हनुमान जी उसके जीवन की सभी बाधाओं और संकटों को दूर कर देते हैं। तभी तो इन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है।

भगवान की पूजा-अर्चना केवल आशीर्वाद पाकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ही नहीं किया जाता है। व्यक्ति सही और गलत की पहचान करने के लिए भी भगवान की पूजा करता है। भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को सही काम करने की प्रेरणा मिलती है। व्यक्ति बिराई के मार्ग पर चलने से बच जाता है। जब किसी भी व्यक्ति के मन में बुराई प्रवेश करने लगे तो उसे तुरंत भगवान का ध्यान करना चाहिए।

सही और गलत की पहचान के लिए जीता-जागता उदहारण छत्तीसगढ़ में देखा जा सकता है। आपको बता दें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के मगपारा क्षेत्र में एक बड़ा ही अनोखा हनुमान जी का मंदिर है। आपको जानकार काफी हैरानी होगी कि यहाँ गाँव का हर फैसला हनुमान जी ही करते हैं। शहर में उच्च न्यायालय होने के बाद भी ज्यादातर मामलों का निपटारा हनुमान जी के मंदिर में ही किया जाता है। हनुमान जी को सभी के दुखों को हरने वाला माना जाता है।

वहाँ की पंचायत हनुमान जी को साक्षी मानकर सभी फैसला करती है। केवल यही नहीं लोगों को इसपर पूरा भरोसा होता है कि फैसले में हनुमान जी की रजामंदी है। दरअसल बिलासपुर की इस पंचायत में बजरंगी पंचायत नाम का एक मंदिर है। जहाँ पिछले 80 सालों से किसी भी विवाद के फैसले के लिए लोग हनुमान जी के मंदिर में आते हैं। किसी भी व्यक्ति की कैसी भी समस्या हो, वह तुरंत हनुमान जी के मंदिर पहुँच जाता है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहाँ हर तरह की समस्या का फैसला किया जाता है।

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