राजनीति

जानिए कौन हैं मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर, जो हो सकते हैं अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति

तालिबान कमांडर मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति हो सकते हैं। खबरों के मुताबिक, अशरफ गनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर को अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। बता दें, करीब 20 साल की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ दिन बाद ही पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया है। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते ही पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं, वही उपराष्ट्रपति अम्रुल्लाह सालेह ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया है।

afganistan

इसी बीच तालिबान कमांडरों ने बताया कि, उन्होंने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के उपनेता मुल्लाह बरादर ने कहा कि, “हमें कभी उम्मीद ही नहीं थी कि हम इस तरह से जीत हासिल करेंगे।” इसके अलावा तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि, उनकी सेना काबुल और अफगानिस्तान की उन चौकियों पर अपना कब्जा करेगी जिन्हें सुरक्षाबलों ने पहले खाली करा लिया था। वहीं उन्होंने लोगों से कहा कि शहर में प्रवेश करने से डरे नहीं।

Abdul Ghani Baradar

 

बता दें, साल 2001 में अमेरिकी हमले के चलते तालिबान को काबुल छोड़कर जाना पड़ा था। लेकिन 20 साल बाद तालिबान ने एक बार फिर काबुल में अपनी हुकूमत कायम कर ली है। अब ऐसे में खबर आ रही है कि, तालिबान की कमान जिन लोगों को सौंपी जाएगी उसमें मुल्लाह बरादर का भी एक नाम है। तालिबान ने उन्हें भावी राष्ट्रपति घोषित किया है। खबरों की माने तो अब्दुल गनी बरादर के पास दुनिया के अन्य मुल्कों से बातचीत करने की भी कमान है। फिलहाल वह तालिबान के शांति वार्ता दल के प्रमुख नेता है।

जानिए कौन है मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर?
मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर को मुल्लाह बरादर या मुल्लाह ब्रदर भी कहते हैं। मुल्लाह बरादर को उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडो में से एक बताया जाता है। बता दें, मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर तालिबान सरकार के वर्तमान अध्यक्ष हैं वही उमर के डिप्टी थे। इतना ही नहीं बल्कि मुल्लाह बरादर उन 4 लोगों में से एक हैं जिन्होंने साल 1994 में तालिबान आंदोलन की शुरुआत की थी। तालिबान अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर हमले के बाद 2001 में मुल्ला बरादर ने अपने हाथों में आतंकवाद की कमान ले ली थी। हालांकि उन्हें फरवरी, 2010 में गिरफ्तार कर लिया गया।

afganistan

मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर को पाकिस्तानी शहर कराची से अमेरिका -पाकिस्तान के संयुक्त अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया था। साल 2012 के अंत तक मुल्ला बरादर के बारे में बहुत कम चर्चा होती थी। लेकिन इनका नाम तालिबान कैदियों की सूची में सबसे ऊपर था, जिन्हें शांति वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए अफगान रिहा करना चाहते थे। मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, गिरफ्तारी के समय उन्हें तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से सबसे ख़ास माना जाता था।

afganistan

जानिए किस तरह काम करता है तालिबान?
बता दें, अमीर अल-मुमिनीन तालिबानी संगठन का सबसे बड़ा नेता है। वह धार्मिक, राजनीतिक और सैन्य मामलों के लिए जिम्मेदार है। हालांकि इस समय परमौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा इस पद पर मौजूद है। हिबतुल्लाह अखुंदजादा इससे पहले तालिबान के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। इनके तीन सहायक है जिनमें मुल्लाह अब्दुल गनी बरदार भी प्रमुख है।

Back to top button