अध्यात्म

गायत्री मंत्र का जाप करने से दूर हो जाती हैं जीवन की हर परेशानी, जानें इस मंत्र के लाभ

हमारे शास्त्रों में लाखों मंत्र बताए गए हैं और हर मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ जुड़ा हुआ है। शास्त्रों में बताए गए सभी मंत्र बेहद ही फलदायक होते हैं और इन मंत्रों का जाप हर किसी को करना चाहिए। वहीं हमारे शास्त्रों में गायत्री मंत्र का जिक्र भी किया गया है और इस मंत्र को महा मंत्र माना गया है। दरअसल यही एक ऐसा मंत्र है जिसका उल्लेख हमें हमारे चारों वेदों में मिलता है। इसलिए इस मंत्र को बड़ा ही चमत्कारी और फायदेमंद मंत्र माना गया है।

क्या है गायत्री मंत्र और उसका अर्थ –

मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।

इस मंत्र का अर्थ –

उस प्राणस्वरूप, दु:ख नाशक, सुख स्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देव स्वरूप परमात्मा को हम अन्तरात्मा में धारण करें। वह ईश्वर हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र जाप करने से जुड़े लाभ

  • गायत्री मंत्र का जाप करने से दिमाग को शांति मिलती है और दिमाग में बुरे ख्याल आना बंद हो जाते हैं। इतना ही नहीं गायत्री मंत्र पढ़ने से स्मरण क्षमता पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और स्मरण क्षमता बढ़ जाती है।
  • जो लोग रोज इस मंत्र का जाप करते हैं उन लोगों से नकारात्मक शक्त‌ियां दूर रहती है और उन्हें हर कार्य में सफलता मिलती है।

कितनी बार करना चाहिए इस मंत्र का जाप

  • गायत्री मंत्र का जाप तीन बार करना उत्तम माना जाता है। इस मंत्र का जाप आप सुबह तीन बार करें, फिर दोपहार को इस मंत्र को तीन बार पढ़ें और शाम को पूजा करते समय भी इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र को आप किसी भी जगह पढ़ सकते हैं। अगर आप घर से बाहर हैं तो आप इस मंत्र का जाप मन-मन में ही कर लें।
  • अगर आपके जीवन में कोई परेशानी है जिससे आप निजात पाना चाहते हैं तो आप इस मंत्र का जाप 108 बार माला पर करें। ऐसा करने से आपकी समस्या हल हो जाएगा।

गायत्री मंत्र का जाप करते समय रखे इन चीजों का ध्यान  –

1. गायत्री मंत्र को बैठकर आराम से पढ़ना चाहिए और जब आप ये मंत्र पढ़ें तो लाल रंग के आसन पर ही बैठे।

2. इस मंत्र का जाप करने से पहले आप अपने हाथों और पैरों को पानी की मदद से साफ कर लें और फिर इस मंत्र का जाप करना शुरू करें।

3. गायत्री मंत्र का जाप करने का सबसे उत्तम समय सूर्योदय से दो घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक का होता है। इसलिए आप इसी दौरान ही इस मंत्र का जाप करे।

4. ये मंत्र पढ़ते समय आप मौन रहें और किसी से भी बात ना करें।

5. गायत्री मंत्र का जाप रात के समय ना करें। ऐसा माना जाता है कि‌ रात में समय ये मंत्र पढ़ने से इस मंत्र से जुड़े लाभ नहीं मिलते हैं।

6. इस मंत्र का उच्चारण सही से करें और ये मंत्र पढ़ने के बाद इसका अर्थ भी पढ़ें।

7. गायत्री मंत्र गायत्री मां से जुड़ा हुआ है। इसलिए ये मंत्र शुरू करने से पहले और खत्म करने के बाद गायत्री मां का नाम जरूर लें।

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