राजनीति

नहीं लग सकता इवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप, ईवीएम और वीवीपैट स्लिप के मतों का मेल रहा सौ प्रतिशत

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा का चुनाव सफलता पूर्वक संपन्न हो गया और मतों की गणना भी सफलता पूर्वक हो गयी है। गुजरात में बीजेपी ने अपनी सत्ता फिर से बना ली है, साथ ही हिमांचल में भी बीजेपी की सरकार बनी है। अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी के ऊपर जो पहले ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगते थे, वो गलत थे। या विरोधियों ने उन्हें घेरने की साजिश रची थी?

बीजेपी के ऊपर उठ रहे सवालों की वजह से ही इस बार चुनाव आयोग के निर्देश की वजह से ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट मशीनों का भी उपयोग किया गया था। अब साफ़ हो गया है कि इस बार बीजेपी के ऊपर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप कोई नहीं लगा सकता है। गुजरात विधानसभा और हिमांचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बम्पर जीत हासिल की है। इस बार ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की कोई गुंजाईश नहीं है, क्योंकि ईवीएम और वीवीपैट के मतों का मिलान हो गया है।

गुजरात के सभी 182 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के मतों और वीवीपैट स्लिपों के मतों का मिलान शत प्रतिशत सही पाया गया। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके बाद से बीजेपी के ऊपर लग रहे आरोप अब बिना सर-पैर के साबित हो गए हैं। इस बार मतगणना में पारदर्शिता बरती गयी है। उसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी ने बाजी फिर से मार ली।

चुनाव आयोग ने पहले ही कह दिया था कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अचानक चुने गए एक-एक बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट स्लिपों के मतों का मिलान करेगा। अधिकारी ने बताया कि मतों के मिलान के लिए मतदान बूथों के चुनाव का फैसला ड्रा के जरिये किया गया और इस दौरान सभी प्रत्याशी या उनके एजेंट भी वहाँ मौजूद थे। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी बीबी स्वैन ने बताया कि यह पूरा काम लोगों का विश्वास कायम रखने के लिए किया गया था।

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