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पंजाबः विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों ने मजीठिया पर फेंका जूता

चंडीगढ़। सोमवार शाम से पंजाब विधानसभा के असेंबली हॉल में धरना देने बैठे कांग्रेसी विधायकों के प्रदर्शन के बीच बुधवार को हालात बिगड़ गए। विधानसभा की मर्यादा उस समय तार-तार हो गई जब कांग्रेस विधायक तरलोचन सिंह ने मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर जूता फेंक दिया। इससे सदन में हंगामा हो गया। विधयेक पास हो जाने के बाद विधानसभा के मानसून सत्र को समाप्‍त कर दिया गया।

 

दोनों तरफ से टकराव की स्थिति बन गई और इसकी वजह से बीच में मार्शल्स तैनात किए गए। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर पर कागज और फाइलें भी फेंकी।

 

विधानसभा की कार्यवाही शुरूआत रही ऐसी –

इससे पहले बुधवार को सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। एक दिन के अवकाश के बाद मानसन सत्र की कार्यवाही 10 बजे शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। भारी शोरगुल के बीच स्‍पीकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट बाद ही स्‍थगित कर दी।

 

विधानसभा में सोमवार से डेरा जमाए कांग्रेस विधायक सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शोर मचाने लगे और नारेबाजी करने लगे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन में डेरा जमाए कांग्रेस विधायकों ने वहां सभा की और मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की कड़ी आलोचना की और उनकी तुलना जनरल डायर से की।

 

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस विधा‍यक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के हालात पर बहस मांग की। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्‍य की बदतर हालात के कारण ही सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव पेश किया था, लेकिन इस पर बहस नहीं कराई गई। उन्‍होंने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर दोबारा बहस कराने की मांग की।

 

स्पीकर द्वारा इसे मंजूर नहीं करने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांगेस विधायकों ने कागज के टुकड़े भी फेंकने शुरू कर दिया। शोरगुल नहीं थमा तो स्‍पीकर ने हॉउस को स्थगित कर दिया। स्‍पीकर ने प्रश्नकाल और शून्‍यकाल भी स्‍थगित रकर दिया। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई थी। सदन में भी काफी सुरक्षा है और काफी संख्‍या में सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।

 

बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस विधायकों का हंगामा नहीं रुका। स्‍पीकर के बार-बार कहने का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद स्‍पीकर ने विधेयक पारित कराने शुरू कर दिए। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने बिलों की प्रति फाड़ कर स्‍पीकर के आसन की ओर फेंकना शुरू कर दिया। विधानसभा में खालसा विश्‍व‍विद्यालय बिल सहित 20 बिल पास कर दिए गए।

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