राजनीति

औरत को 15 सेकंड तक लगातार आप नहीं देख सकते, यकीन नहीं आता तो आजमा के देख लीजिये

भिंड: इस दुनिया में औरतों और लड़कियों को एक खिलौना समझा जाता है. अब हर लड़की को रास्ते में गुजरते समय कई गंदी नजरों से बच कर निकलना पड़ता है.  इस नई पीढ़ी में इंसान हैवान बनते जा रहे हैं. आज की पीढ़ी फ़िल्में और इंटरनेट इतनी बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है उनके लिए औरतों की इज्जत करना कोई मायने नहीं रखता. अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई गाइड लाइन के अनुसार आप 15 सेकंड तक लगातार किसी महिला को नहीं देख सकते.

ध्यान रखिएगा अगर आप 15 सेकंड से अधिक तक किसी लड़की को घूर घूर कर देखते हैं तो इससे आपको कोई बचाने वाला नहीं है. यहां तक कि कुछ लोग तो अब लड़कियों की तारीफ करना भी छोड़ रहे हैं क्योंकि वह इस कानून से बहुत डर चुके हैं. अब आपको महिलाओं के लिए अपनी नजरें अच्छी.  दरअसल, पुलिस महानिदेशक कल्याण एसएम अफ़ज़ल ने पुलिस लाइन में पुलिस अफसरों कर्मचारियों से संवाद में कहा कि, ” हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है आपको अपनी समस्याएं हमें बतानी ही होंगी.  क्योंकि आप की समस्याओं का समाधान हो सकता है मगर इच्छाओं का नही. इस मीटिंग दौरान एसपी प्रशांत खरे और  एएसपी राजेंद्र वर्मा भी मौजूद थे.

दरअसल इस मीटिंग में हुए संवाद में अफजल ने कई लोगों की शिकायतें सुनी और उनका समाधान भी किया. इसी बातचीत के दौरान अफजल ने अपने कर्मचारियों और अन्य लोगों को खूब हंसाया.  अफजल में पुलिस अधिकारियों से कहा कि अब तो अपनी बीवियों के पैर छूने के लिए सभी को तैयार होना ही पड़ेगा.  अफजल ने पुलिस अमले को बताया कि ऐसा वह कोई इलेक्शन या मैदान जीतने के लिए नहीं कह रहे बल्कि, अफजल के अनुसार सिर्फ तनख्वाह देकर एक मर्द का फर्ज पूरा नहीं हो जाता.  अफजल के अनुसार मर्दों को अपनी बीवियों के बारे में सोचना चाहिए कि उन्हें बच्चे पालने में कितनी तकलीफ होती है.

 इस संवाद में अफजल के इलावा एडीजी ने भी इंसान के समस्याओं के बारे में काफी महत्वपूर्ण चीजों का वर्णन किया.  एडीजी के अनुसार इंसान की हर समस्या का हल हो सकता है परंतु उसकी इच्छाओं का कोई हल नहीं है.  इसके अलावा उन्होंने बताया कि भारत के जवान कई सुविधाओं से वंचित है और अभी भारतीय पुलिस में लगातार भर्ती चल रही है.  डैडी जी ने बताया कि अब 30 हज़ार पुलिस Force बढ़ जाएगी इसलिए थाने में बल की कमी नहीं रहेगी.  इसके इलावा देश के जवानों को घर जाने के लिए आसानी से छुट्टियां भी मिल पाएंगे और मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक अच्छा जीवन बिता पाएंगे.

इसी संवाद के दौरान एक पुलिसकर्मी की पत्नी ने बताया कि उसके पति लहार थाने में कर्मचारी हैं और वह 8- 8 महीने तक घर ही नहीं आते.  इस कथन के बाद एडीजी और एसीपी ने उन्हें बुलाकर समस्या सुलझाने को कहा.  सीएसपी वीरेंद्र तोमर के अनुसार सभी विभागों में छुट्टी मिलती है तो पुलिसकर्मियों को भी दी जानी चाहिए।  इसके इलावा अवधेश चौहान ने कहा कि कैदी को दूसरी जेल में ले जाने पर खाना जेब से खिलाते हैं और जिसके बाद उन्हें वह पैसा वापस नहीं मिल पाता.  इसी बीच एडीजी ने सभी समस्याओं को सुलझाने की पूरी कोशिश की और कहा कि 2018 से पुलिस को भी छुट्टियां मिल पाएंगी.

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