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देशी या विदेशी किसी के लिए सुरक्षित नहीं है दिल्ली, अपराध के मामले में सूची में शीर्ष पर दिल्ली

नई दिल्ली: मानव सभ्यता की शुरुआत के साथ ही अपराध का जन्म हुआ। समय के साथ अपराध की प्रकृति में परिवर्तन होता गया है। दुनिया का शायद ही कोई देश होगा जहाँ अपराध नहीं होता होगा। कहीं ज्यादा होता है तो कहीं कम, लेकिन अपराध होता हर जगह हैं। कुछ देश या शहर ऐसे भी हैं जो अपराध के मामले में सबसे आगे होते हैं। अगर भारत की बात करें तो भारत की राजधानी दिल्ली अपराध के मामले में देश में सबसे आगे है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारू किये गए पिछले साल यानी 2016 के आंकड़ो के मुताबिक विदेशियों के लिए दिल्ली सबसे ज्यादा असुरक्षित शहर है।

पिछले साल पुरे देश में विदेशियों के खिलाफ अपराध के 382 मामले दर्ज किये गए थे। इनमे से अकेले 154 मामले दिल्ली में दर्ज किये गए थे। इसके बाद महाराष्ट्र में 38, पुदुचेरी में 33 मामले दर्ज किये गए थे। असम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दादर नगर हवेली, दमन व दीव और लक्षद्वीप ऐसे प्रदेश हैं जहाँ विदेशियों के खिलाफ अपराध के कोई मामले दर्ज नहीं किये गए।

आपको बता दें वृहस्पतिवार को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह आकंडे जारी किये। ज्ञात हो कि पिछले साल दिल्ली में सबसे ज्यादा नकली करेंसी जब्त की गयी। इस मामले में दुसरे स्थान पर गुजरात और तीसरे स्थान पर पक्षिम बंगाल रहा। अगर बात बलात्कार की की जाये तो इस मामले में मध्यप्रदेश सबसे आगे रहा। बलात्कार के मामले में उत्तर प्रदेश दुसरे और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा। किशोरों द्वारा किये जाने वाले अपराधों में कमी दर्ज की गयी है। इस मामले में भी मध्यप्रदेश सबसे आगे जबकि दुसरे स्थान पर महाराष्ट्र रहा।

पिछले साल से देशभर में अनुसूचित जातियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में बढ़ोत्तरी हुई है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे जबकि दुसरे स्थान पर बिहार और तीसरे स्थान पर राजस्थान रहा। अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश सबसे आगे रहा, जबकि दूसरा स्थान राजस्थान और तीसरा ओडिशा का रहा। 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले 19 शहरों में वरिष्ठों के खिलाफ अपराध के मामले में मुंबई सबसे आगे रहा। दुसरे स्थान पर दिल्ली और तीसरे स्थान पर अहमदाबाद रहा। दंगों के मामले में बिहार सबसे आगे रहा जबकि उत्तर प्रदेश दुसरे स्थान पर और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा।

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