स्वास्थ्य

हर किसी को पता होने चाहिए सेक्सुअल डिसफंक्शन के ये 4 महत्वपूर्ण लक्षण, आप भी जान लें

आजकल के बदलती और बिजी लाइफस्टाइल में हर कोई व्यस्त है. लड़के-लड़कियां अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें यह भी नहीं पता होता कि वह सेक्सुअल डिसफंक्शन से जूझ रहे हैं. सेक्सुअल डिसफंक्शन की समस्या लड़कों की तुलना में लड़कियों में ज्यादा होती है. रिपोर्ट की मानें तो  केवल 33 प्रतिशत ही लड़के इसका शिकार हैं जबकि लड़कियों में यह संख्या 43 प्रतिशत है. अगर इस प्रॉब्लम को इग्नोर किया जाए तो समस्या और बढ़ जाती है. इसलिए जिन लोगों को सेक्सुअल डिसफंक्शन की समस्या है उन्हें भूलकर भी इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए. लेकिन दिक्कत की बात यह है कि बहुत सारे लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता कि वह ऐसी किसी परेशानी से ग्रसित हैं. वह कब इसकी चपेट में आ जाते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता. लेकिन अब आपको घबराने की ज़रुरत नहीं है. आज हम आपको सेक्सुअल डिसफंक्शन के लक्षणों के बारे में बताएंगे. लक्षणों के बारे में जानकर आप इस समस्या का इलाज करवा सकते हैं. तो आईये जानते हैं सेक्सुअल डिसफंक्शन के लक्षणों के बारे में.

जिंदगी व्यस्त हो जाने के कारण महिलाओं में उत्तेजना संबंधित दिक्कतें पायी जाती हैं. यदि महिलाओं में किसी प्रकार का स्ट्रेस होगा तो सेक्स के प्रति उनकी उत्तेजना कम या खत्म हो जायेगी. इसके अलावा यह दिक्कत वेजायिनल ड्राईनेस और फोरप्ले की कमी की वजह से भी पैदा हो सकती है. यह दिक्कत मेल पार्टनर के सेक्सुअल इश्यूज की वजह से भी हो सकते हैं. जैसे- इरेक्टाइल डिसफंक्शन और प्रीमैच्योर इजैकुलेशन.

वेजायिनल ड्राईनेस की समस्या हार्मोनल बदलावों के कारण होता है. मीनोपॉज या ब्रैस्ट फीडिंग करवाने के दौरान महिलाओं को इस समस्या से ज्यादा जूझना पड़ता है. ऐसी दिक्कत आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर सलाह लें.

अधिकतर महिलाओं को मीनोपॉज के बाद सेक्स की इच्छा में कमी आने लगती है. लेकिन अब यह समस्या कम उम्र की लड़कियों में भी देखने को मिल रही है. जिन महिलाओं की उम्र 30 से 50 साल के बीच में होती हैं उनमें लिबिडो की समस्या पायी जाती है. लिबिडो की प्रॉब्लम किसी भी उम्र में हो सकती है. लेकिन इसका मुख्य कारण डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर, मानसिक परेशानी या फिर अनहैप्पी रिलेशनशिप होता है.

हाल ही में किये गए एक शोध के अनुसार, 5 प्रतिशत महिलाओं को मीनोपॉज से पहले ही ओर्गेज्म रिलेटेड प्रॉब्लम होने लगती है. इसका मुख्य कारण हॉर्मोन्स में बदलाव, कम फोरप्ले, मेडिकेशन या फिर कोई बड़ी बीमारी हो सकती है. इस तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें.

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