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यूपी में गधों को हुई जेल तो बीजेपी नेताओं ने कराई जमानत.. ये था अपराध

यूपी में भले ही पहुंच वाले बड़े बड़े अपराधी और गुंडे, जुर्म करके खुली हवा में घूमते नजर आते हो… लेकिन आम आदमी को जेल की हवा कभी भी खानी पड़ सकती है। लेकिन यूपी के जालौन में कुछ अजब ही मामला सामने आया.. यहां उरई की जेल में गधों को बंद कर दिया गया वो भी एक दो दिन के लिए नहीं बल्की चार दिनों के लिए। आलम ये हुआ की गधों के मालिक को गधों की जमानत के लिए बीजेपी नेताओं की शरण में जाना पड़ा, तब जाकर गधों की जमानत हुई।

दरअलस जनपद जालौन में जेल अधीक्षक यानी जेलर ने अपनी जेल के बाहर पेड़ पौधे लगवाए थे। रोज सुबह शाम इनकी निगरानी भी करते थे लेकिन एक दिन साहब ने देखा की… जिन पेड़ों को उन्होने पाल पोश कर बड़ा कर रहे थे उन्हें किसी जानवर ने चर लिया। फिर क्या था जेलर साहब का माथा गर्म हो गया, और अपने फिर गार्ड बुलवाकर आसपास घास खा रहे आधा दर्जन से अधिक गधों को जेल में बंद कर दिया।

गधों को जेल होने के बाद उनका मालिक परेशान हो गया। जमानत और अपराध पता करने के लिए उसे कुछ जब नहीं सूझा तो उसने बीजेपी नेताओं की शरण ली और नेताओं से अपने गधों को छुडवाने के हाथ जोड़े। जिसके बाद बीजेपी नेता गधों के मालिक की सिफारिश के लिए जेल पहुंचे और जेलर से मिलकर मामले को रफा दफा कराया।

जेल से जमानत पाने के बाद खुश गधों ने दौड़ लगानी शुरु कर दी। इस दौरान एक अधिकारी ने बताया की, साहब ने बाजार से पेड़ पौधे मंगाए थे जिनको गधों ने खा लिया था। जिसके बाद साहब के आदेश पर इनको जेल में डाला गया है।

यूं तो प्रदेश में पेड़ काटना बड़ा जुर्म है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जेलर साहब ने गधों को चार दिन तक जेल में भूखे प्यासे रखा। चार दिन बाद किसी तरह से गधों के मालिक को सूचना लगी बेचारे ने मुश्किल से बीजेपी नेताओं से सिफारिश लगवाई और दौड़ा दौड़ा जेलर साहब के पास पहुंचा और किसी तरह से जुर्माना चुका कर अपने गधों को वापस लेकर आया।

आपको बता दें इससे पहले बीते विधानसभा चुनाव में सूबे के गधों को लेकर मुद्दा गरमाया था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रायबरेली में एक सभा के दौरान गुजरात के सफेद गधों का मजाक उड़ाया था। अखिलेश यादव ने गुजरात के पर्यटन विभाग के एक विज्ञापन पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘एक गधे का विज्ञापन आता है। मैं बॉलीवुड के महानायक से अपील करता हूं कि वो गुजरात के गधों का प्रचार ना करें।’

अखिलेश का ये बयान आया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तंज कसते हुए कहा था कि दिल-दिमाग साफ हो तो किसी भी प्रेरणा ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि गधा अपने मालिक का वफादार होता है। वह कम खर्चे में पूरा काम करता है।

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