दिलचस्प

इंटरव्यू में पुछा गया अजीब सवाल, क्या आप दे सकते हैं इस का जवाब .. ?

वैसे तो हर एक परीक्षा अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है. लेकिन, इन सब में से आईएस और PCS नामक दो ऐसी परीक्षाएं हैं, जो अच्छे अच्छों की बैंड बजाने का दम रखती हैं. दरअसल, इन दोनों ही परीक्षायों में मौजूद सवाल किसी भी इंसान का आत्म विश्वास गिरा सकते हैं. ऐसे में इसको क्लियर करके नेक्स्ट इंटरव्यू में जाना बच्चों के बस की बात नहीं है. दरअसल, इन टेस्टों के बाद इंटरव्यू में जनरल नॉलेज से ज्यादा इंसान को उससे व्यक्तित्व से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. जिनका जवाब दे पाना छोटी बात नहीं होती. इस इंटरव्यू में ऐसे ऐसे सवाल पूछे जाते हैं कि किसी की भी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाएगी.

अभी हाल ही में यूपी लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित सिविल जज एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट आगया हैं. लेकिन इन सब राउंड्स को पार करते हुए प्रतापगढ़ के लालगंज के रहने वाले विनोद पाण्डे ने इस एग्जाम को क्लियर कर लिया है. आपको ये जानकार ख़ुशी होगी कि विनोद पाण्डे का तीसरा रैंक आया है. चलिए जानते हैं आखिर ये पूरी ख़बर क्या है…

थर्ड रैंक हासिल करने वाले विनोद ने बताया कि इस एग्जाम के चलते उनसे काफी अजीबो गरीब सवाल पूछे गये थे. जिनके जवाब वह खुद नहीं जानते थे. विनोद ने बताया कि उन्होंने इन्हीं सवालों का जवाब देकर सिविल जज का एग्जाम क्रैक किया. विनोद ने आगे बताया कि, “मैं मूल रूप से प्रतापगढ़ की लालगंज तहसील के रामगढ़ रैला गांव का रहने वाला हूं और मेरे पिता पोस्ट ऑफिस में एजेंट हैं”. जानकारी के अनुसार विनोद का बचपनअफ़ी गरीबी में बीता था. बारहवीं की कक्षा पास करने के बाद ही विनोद को भारतीय एयरफ़ोर्स में बटौर सुर्जेंट रखा गया था. विनोद ने बताया कि उनक इंटरव्यू हाई कोर्ट के एक जज और दो अन्य विशेषज्ञों के सामने हुआ था और ये करीबन 20 मिनट तक चला था. जिसमे उससे कई उलटे पुल्टे सवाल पूछे गये थे. चलिए जानते हैं आखिर वह क्या सवाल थे.

ये थे अजब-गजब सवाल

 

पहला सवाल-

जवाब: विनोद ने काफी सोचने के बाद कहा कि ऐसी स्थिथि में वह कानून की 497 धारा के तहत उस तीसरे शक्स पर केस दर्ज़ करवाएंगे.

दूसरा सवाल-

जवाब: विनोद ने काफी समझने के बाद बताया कि इस स्थिथि में उनकी पत्नी कसूरवार नहीं होगी और वह उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेंगे.

तीसरा सवाल-

जवाब: इस सवाल के जवाब में विनोद ने उन्हें बताया कि उन्हें स्वामी विवेकानंद और एपीजे अब्दुल कलाम की किताबों में हमेशा से रुचि रही है.

चौथा सवाल-

जवाब: उन्होंने बताया कि “लक्ष्य हमेशा बड़ा बनाना चाहिए, छोटा लक्ष्य एक अपराध के समान है” इसके इलावा “सपने वो नहीं जो सोने के बाद आयें बल्कि असली सपने वो हैं जो कभी सोने ना दे” इस दोनों पंक्तियों ने उन्हें काफी प्रेरित किया है.

पांचवा सवाल-

जवाब: हाल ही में मैंने दंगल फिल्म देखी जिससे मुझे समझ आया कि बेटा ही नहीं बल्कि, बेटियां भी किसी से कम नही हैं. शिक्षा के इलावा बेटियों का भी हर चीज़ में समान अधिकार है.

छठा सवाल-

जवाब: मेरी दोनों बेटियां किसी बेटे से कम नहीं है. बल्कि, वह एक बेटे से कहीं बढ़ कर मेरा ख्याल रखती हैं और सूझवान हैं.

सातवां सवाल-

जवाब: परिवार ने हर मुमकिन कोशिश की लेकिन मेरी पत्नी और मैंने फैसला लिया था कि हम बेटियों को ही बेटा समझ कर पालेंगे.

आठवा सवाल-

जवाब: ख़ुशी के लिए एयरफ़ोर्स की जॉब मिलने का अवसर था जबकि दुखी की अभी तक कोई घटना नही है.

नोवा सवाल-

जवाब: जब आपके लिए अपील के सारे रास्ते ख़त्म हो जाते हैं तब.  लीव पेटिशन को एक्सेप्ट करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास है.

दसवां सवाल-

जवाब: भारतीय संविधान की धारा 124(2) के अनुसर जजों की नियुक्ति होती है.

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