राजनीति

9 साल की बच्ची के प्रति एक बाप की वासना गैर-इस्लामी नहीं- फ़तवा

Mehmet Gormez, head of Turkey's Religious Affairs Directorate, addresses the media in Ankara January 8, 2015. REUTERS/Umit Bektas (TURKEY - Tags: POLITICS RELIGION) - RTR4KMRF

दियानेत, तुर्की सरकार द्वारा धार्मिक मसलों के निपटारे के लिए बांयी गयी एक संस्था है। तुर्की एक मुस्लिम देश है और यही कारण है कि यह संस्था पूर्णरूपेण इस्लामिक है। इस संस्था द्वारा तुर्की के 85000 मस्जिदों पर नियंत्रण रेखा जाता है। और तुर्की के 10 मंत्रालयों का बजट इसके खुद का है। यही कारण है कि यहाँ नियुक्त मौलवी महंगे शौक करतें है और नयी-नयी गाड़ियों से घुमतें हैं।
इस संस्था की एक और खासियत बता दे, तो तुर्की में जारी होने वाले सभी फतवे इसी संस्था से निकलतें है। दियानेत ने इंटरनेट पर अपना एक फोरम भी बना रखा है जिसपे वो लोगों की इस्लाम को लेकर उठने वाले सवालों के जवाब देने के लिए इस्तेमाल करतें हैं। इस फोरम से हाल ही में दो ऐसे फतवे जारी हुए जिसने दियानेत को दुनिया भर की आलोचना का शिकार बना दिया।
पहला फतवा था शादी से पहले युगलों को मिलने को लेकर, जिसमे कहा गया कि शादी से पहले जोड़ों का मिलना गैर-इस्लकमिक है, क्योंकि ऐसे वक़्त में इंसान गलत हरकतें जैसे हाथ पकड़ना या बातें करने जैसा गुनाह कर सकता है, जो इस्लाम की नज़र में गलत है। इस बात से दियानेत को दुनिया भर से लाखों लोगों की आलोचना का शिकार बनाया साथ ही साथ, कई इस्लामिक संस्थाओं ने भी इनके फतवों को गलत ठहराया।
दूसरा फतवा इस सवाल के बाद खड़ा हुआ, फोरम में एक यूजर द्वारा पुछा गया कि, क्या एक पिता का अपनी बेटी को वासना की नज़रों से देखना गलत है, क्या इसकी वजह से उसकी शादी पर कोई प्रभाव पड़ेगा? तो फोरम से आये जवाब को सुन कर आप चौंक जाएंगे। फोरम का उत्तर था कि, ” एक पिता का अपनी बेटी को वासना के वशीभूत हो कर चूमना और सहलाना गलत नहीं है अगर वो 9 साल से बड़ी हो।”
इस जवाब के बाद यह मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय बन गया और खुद तुर्की के लोगों ने इसे बच्चों के प्रति यूं शोषण को प्रोत्साहन बात कर गलत करार दिया था. दियानेत को इसके बाद दुनिया भर का गुस्सा खेलना पड़ा और भयवश उन्होंने अपने उत्तर को हटा दिया लेकिन लोगों का रोष ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था, तो उन्होंने अपना फोरम ही बंद कर दिया।

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