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दिवाली पर निकलेगा ‘चीन का दिवाला’, चीनी माल न बिकने से होगा करोडों का नुकसान

नई दिल्ली – एक बार फिर हिन्दुस्तान में दिवाली आ गई है और एक बार फिर से चीन का दिवाला निकलने वाला है। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से चीनी सामानों का बहिष्कार करने वाले मैसेज वायरल हो रहे हैं। हालांकि, पिछले साल भी चीन में बने सस्ते रंग बिरंगे सामानों को खरीदने को लेकर सोशल मीडिया पर आवाज उठी थी, जिसका असर उतना नहीं हुआ जितना होना चाहिए था। लेकिन, इस बार माज़रा कुछ और है। चीन जो भारत की दिवाली पर करोड़ों रुपए का कारोबार करता है। इस दिवाली उसकी हवा निकलने वाली है। दिवाली को बस दो दिन बचे हैं और बाजार में लोग स्वदेशी सामानों की डिमांड कर रहे हैं। इस वजह से इस बार दुकानदारों ने भी चीनी सामान बहुत कम खरीदा है। Customers boycott Chinese items Diwali.

चीनी सामान खरीदने की मांग में हुई गिरावट  

Social media campaign to boycott goods made in China

इस साल दिवाली पर बाजार में चीन में बने सामानों की मांग काफी कम है। इसकी वजह सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान की तीव्रता और उसके कारण पैदा हुआ देशभक्ति का माहौल है। दीपावली की खरीददारी के माहौल में भारत में बनी लाइट्स, मुर्तियों आदि की मांग बढ़ने लगी हैं। इस कारण इस वर्ष खुदरा व्यापारियों द्वारा इम्पोर्टर्स और थोक व्यापारियों से चीनी सामान खरीदने की मांग गत वर्ष की तुलना में लगभग 45 प्रतिशत घट गया है। वहीं, देश कि राजधानी दिल्ली के बाजारों भी इस बार चीन के सामान गायब हैं। ना ही दुकानों में चीन की लाइटें दिख रही हैं न ही लड़ियां।

सोशल मीडिया पर हो रहा है चीनी सामान का बहिष्कार

Boycott Chinese goods

पिछले कुछ वर्षों में चीनी उत्पादों ने भारतीय बाजार में अपनी अच्छी खासी जगह बना ली है। देश में दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य चीन के सामानों की बिक्री से सबसे बड़े बाजार माने जाते हैं। लेकिन, इस बार डोकलाम को लेकर चीन के साथ जो तनाव हुआ उसका ही असर है कि इन राज्यों में भी चीन के सामानों का जबर्दस्त विरोध हो रहा है और लोग चीन में बने सामानों को खरीदने से कतरा रहे हैं। इन राज्यों में स्वदेशी पटाखों तथा फायरशॉट की मांग पहले से गई गुना बढ़ गई है। सबसे ज्यादा अच्छी बात ये है कि ग्राहकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

 

डोकलाम पर भारत से दुश्मनी चीन को पड़ी भारी  

भारत के साथ डोकलाम को लेकर चीन का विवाद करना उसके ऊपर काफी भारी पड़ा है।  भारत के साथ तनातनी के कारण लोगों का चीनी सामानों से मोहभंग हुआ है और लोग अब यह समझने लगे हैं कि चीन के सामान सस्ते होने के साथ ही क्वालिटी में खराब होते हैं। इसी कारण से भारत का पटाखा बाजार तेजी से उछला हैं और चीन की कंम्पनियों के हालत खराब हो गए हैं। खबरों के मुताबिक चीन ने इस बार भारत में 1000 करोड़ का माल और भेजने की तैयारी कि थी, लेकिन बाजार की हालत देखकर उसने अपना फैसला वापस ले लिया है। आपको बता दें कि भारतीय बाजार में चीन का कारोबार पिछले साल 6500-7000 करोड़ था, जिसमें इस बार 40 फीसदी की कमी आई है।

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