राजनीति

मोदी की दहाड़ से पाकिस्तान की हालत हुई खराब जा बैठा ५७ मुस्लिम देशों की गोद में

१५ अगस्त को लाल किले की प्राचीर से  प्रधान मंत्री मोदी ने बलूचिस्तान का मुद्दा क्या उठाया,  पाकिस्तान की हालत इतनी खराब हुई कि वो मुस्लिम देशों का साथ मांगने और विश्व के ५७ इस्लामिक देशों  को एकजुट कर मोर्चा खड़ा करने के प्रयास  में लग गया। ( Pakistan seeking help from 57 Muslim countries)

 भारत की दहाड़ से पाकिस्तान की हालत हुई खराब जाकर बैठा ५७ मुस्लिम देशों की गोद में ( Pakistan Seeking help from 57 Muslim countries )

नई दिल्लीः ७० सालों से खुराफात कर रहे  और आतंकवाद का वीज बो रहे पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जैसे ही प्रधान मंत्री मोदी ने बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया तो  पाकिस्तान घबरा हुआ लग रहा है। पाकिस्तान ने (IOC) ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन से मदद की गुहार लगाई  और IOC से जुड़े ५७ मुस्लिम देशों ने कश्मीर मसले पर अंतर्राष्ट्रिय मंच को पाकिस्तान को समर्थन देने के लिये अपील कर दी । इस का मतलब ये हुआ की पाकिस्तान अपना साहस खो चुका है और वो अब  मुस्लिम देशों को साथ ले कर भारत को गीदड़  धमकी देने का साहस जुटा रहा है।

मुस्लिम देशों के संगठन (IOC) के महासचिव पहुंचे इस्लामाबाद  

ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (IOC) के महासचिव इयाद मदनी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे तो पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से उन से मुलाकात की और इस दौरान IOC ने अंतर्राष्ट्रिय मंच को कश्मीर के मुद्दे पर दखल अंदाज़ी करने की अपील की

मदनी ने कहा कश्मीर में रेफरेंडम हो

IOC के महासचिव इयाद मदनी ने कहा कि, कश्मीर के हालात  हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं एवं केवल रेफरेंडम के आधार पर ही कश्मीर की समस्या सुलझ सकती है। मदनी ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत क्यों  कश्मीर पर रेफरेंडम कराने से डर रहा है। इयाद मदनी ने ये भी कहा की कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

राजनाथ बोले-हमारे सब्र का इम्तहान न ले पाक

कश्मीर मुद्दे पर जैसे ही मुस्लिम देशों के एकजुट हो कर मोर्चा बंदी करने की बात सामने आई तो भारत ने  पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दे दी।  राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के सब्र का इम्तहान न ले पाकिस्तान , वर्ना पाकिस्तान को इस की बहूत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत के मुसल्मानों को पाकिस्तान परस्त न सोचें, भारत के मुसलमान देश की हिफाजत के लिए  लहू की आखिरी बूंद तक बहा सकते हैं

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