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सिद्धू के लिये AAP का दरवाज़ा हुआ बंद, सिद्धू के दिल से मोदी भक्ति न निकाल पाए केजरिवाल

राज्यसभा से सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया लेकिन बीजेपी में अब भी बने हुए हैं। अगर आप उनकी वेबसाइट देखते हैं तो साफ पता चलता है की बीजेपी उनके लिए क्या मायने रखती है। वेबसाइट के मुताबिक सिद्धू अभी भी अमृतसर से लोकसभा सांसद हैं। हालांकी सिद्धू कि वेबसाइट कई दिनों से अपडेट नहीं हुई है मगर इतना तो इशारा जरूर मिल रहा है कि सिद्धू बीजेपी के प्रति समर्पित नेता हैं।

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एक तस्वीर भी है सिद्धू की वेबसाइट पर , वहां लिखा है ” devoted to his party” यानि भाजपा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। AAP से बातचीत टूटना और केजरीवाल का बयान आना एक इशारा हैं जिसे समझने की जरूरत है। सार्वजनिक मंचों से सिद्धू कई बार पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं।

भाजपा भी ये कह चुकी है कि सिद्धू ने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है और पार्टी से उन्हे नहीं निकालेंगे, अगर चाहें तो वो पार्टी छोड़कर जा सकते हैं। अब विचार करने वाली ये है कि राज्यसभा से इस्तीफा देने के १ महिने बाद भी सिद्धू ने भाजपा से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। क्या सिद्धू पार्टी को समझाना चाह रहे थे कि पंजाब में उन्हे बड़ी जिम्मेदारी दी जाए या अपने लिये वो विकल्प तलाश कर रहे थे?

सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार AAP कि तरफ़ से सिद्धू से कहा गया कि उन्हे भाजपा के खिलाफ खुलकर हमला बोलाना होगा। यहां तक कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी कहना होगा। सिद्धू को ये बात मंजूर नहीं थी। मोदी के खिलाफ वो केजरीवाल की भाषा बोलने के लिए तैयार नहीं थे।

वहीं आप के सूत्रों का कहना है कि सिद्धू से बात इसलिए नहीं बनी क्योंकि वो सीएम उम्मीदवार बनना चाह रहे थे। ये कहना संभव नहीं है कि किसकी बातों में दम है लेकिन एक बात साफ है कि मोदी के खिलाफ सिद्धू कुछ न कुछ बोल सकते हैं न ही कुछ सुन सकते हैं। यही एक कारण है जिसके चलते केजरीवाल ने उनके लिए आप के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

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