अध्यात्म

जिन महिलाओं को है अपने पति से प्यार, वो कतई न करें ये 4 काम, वरना….

हिन्दू ग्रंथ एवं शास्त्रों में मनुष्य जीवन को बेहतर ढंग से जीने के रहस्य बताएं गये हैं।  ग्रंथ एवं शास्त्रों में दी गई इन जानकारियों को मनुष्य अपने जीवन में अमल कर सफलता प्राप्त कर सकता है। ग्रंथ एवं शास्त्रों में लिखी गई ये बातें जीवन का सही मार्ग दिखाती हैं और मनुष्य के जीवन में सुख-शांति लाती हैं।

 

आज हम आपको एक स्त्री के लिए शादी शुदा जिंदगी जीने के लिए गरुड़ पुराण में वर्णित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी से परिचित कराने जा रहे हैं। यह जानकारी विशेष तौर से उन महिलाओं के लिए काफी उपयोगी है जो विवाहित हैं। गरुड़ पुराण में दर्ज इन नियमों का पालन हर महिला को करना चाहिए।

पति या प्रेमी से अधिक दूर ना रहें महिलाएं

गरुड़ पुराण के मुताबिक पत्नी या प्रेमिका को कभी भी अपने पति या अपने प्रेमी से अधिक दिनों तक दूर नहीं रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा होने से वह मानसिक रूप से कमजोर होने का एहसास करती है। बात करें पति और पत्नी के रिश्तों कि उनके लिए एक-दूसरे से दूर रहना सामाजिक परेशानियों का करण बनता है।

बुरे चरित्र के लोगों से दूर रहें

शादी-शुदा महिलाओं को किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क या मित्रता नहीं करनी चाहिए जिसका चरित्र बुरा हो। क्योंकि इसका असर खद पर भी पड़ता है। कहा भी गया है कि जैसी संगत होती है वैसी ही लोगों कि सोच भी हो जाती है। बुरे व्यक्ति का असर उस महिला पर भी पड़ता है।

 ऐसे व्यक्ति से हमेशा दूर रहें

इन सब बातों के अलावा आपके पति के विरुद्ध रहने वाले  व्यक्ति से किसी प्रकार का कोई भी रिश्ता न रखें। ऐसा व्यक्ति जो आपके पति के बारे में बुरा बोलता हो, निंदा करता हो और उसे हानि पहुंचाने की भी कोशिश करता हो, उससे हमेशा दूर रहे।

 अपनों का अपमान ना करें

सभी से मीठा बोलने वाली और सबका भला सोचने वाली महिला को गुणी माना जाता है और ऐसी महिला का सभी सम्मान करते हैं। लेकिन ऐसा देखा जाता है कि कई बार किसी बात पर हर किसी को गुस्सा आ जाता है और वह अपनों को कटु वचन बोल देता है। ऐसे समय जो स्त्री खुद पर नियंत्रण करती है उसका सम्मान बढ़ जाता है।

कभी भी दुसरे से घर में ज्यादा देर ना रुकें

कहा जाता है कि अपना घर सबसे प्यारा होता है। हर किसी को उसके घर में खास जगह मिलती है और वह वहां बिना किसी चिंता के रहता है। यह यूं ही नहीं कहा गया है। यह सामाजिक रूप से माना गया उदाहरण है। इसलिए किसी स्त्री को पराए घर में अधिक समय तक नहीं रहना चाहिए। इससे उसका मान-सम्मान खत्म होता है। और जो मान-सम्मान स्त्री को अपने घर में मिलता है, वह उसे पराए घर में नहीं मिल सकता।

Back to top button