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सुबह 8.29 मिनट पर तिरंगा फहराया और एक घंटे बाद 9.29 पर शहादत।

नई दिल्ली : सुबह 8.29 मिनट पर तिरंगा फहराया और एक घंटे बाद 9.29 पर शहादत। नौहट्टा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सीआरपीएफ के कमांडेट प्रमोद कुमार

कमांडेट प्रमोद कुमार ने कई शहीदों के नाम गिनाकर अपने साथियों का हौसला बढ़ाया था। लेकिन ठीक एक घंटे के बाद मुठभेड़ में वह भी शहीद हो गए। झारखंड के जामताड़ा में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पर प्रमोद कुमार ने सुबह 8.29 बजे तिरंगा फहरा रहे थे। इसी दौरान एनकाउंटर की खबर आई। उन्होंने तुरंत कार्यक्रम खत्म कर एनकाउंटर साइट पर पहुंच गए। लेकिन गाड़ी से उतरते ही वह आतंकियों की गोलियों की चपेट में आ गए।

प्रमोद कुमार के साथियों ने बताया, ‘प्रमोद ऐसे ऑफिसर्स में थे जो हर सर्च ऑपरेशन में आगे रहने के लिए तैयार रहते थे। प्रमोद सीआरपीएफ की 49वीं बटालियन के भी इंचार्ज थे।’

प्रमोद अपने पीछे अपनी पत्नी, पिता और 6 साल की बच्ची को छोड़कर गए हैं। उनके 63 साल के पिता पश्चिम बंगाल में रहते हैं।

उन्होंने जम्मू, श्रीनगर, त्रिपुरा, असम, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कई ऑपरेशनों में जिम्मेदारी संभाली थी। 2012 से 2014 के बीच डेप्युटेशन के दौरान उन्होंने स्पेशल प्रॉटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) में भी अपनी सेवाएं दी थीं। तब वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे।

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