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जवाहर लाल नेहरू के ८ वादे जो उन्होने कभी पूरी करने की कोशिश नहीं की..

14 अगस्त की रात को जब देश को आजादी मिली थी तो उस समय में सबसे पहला भाषण पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ही दिया था.

उस रात को हजारों लोग स्वतंत्र देश में पहली बार किसी भारतीय नेता का भाषण सुन रहे थे. लोगों को उस समय भी आज सी उम्मीदें थीं. गरीब और शोषित लोगों को लग रहा था कि अब तो शायद हमारा भाग्य बदलने वाला है.

लेकिन आज तक भारत का भाग्य ही नहीं बदल पाया है.

आजादी के इस मौके पर आइये पढ़ते हैं पंडित नेहरु के वादे – उस रात को पंडित नेहरु ने जनता से कौन-कौन से वादे किये थे –

पंडित नेहरु के वादे –

1. देश से गरीबी दूर करने का वादा किया था

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नेहरु ने देश को संबोधित करते हुए, सबसे ज्यादा जोर करीबी को दूर करने पर दिया था. नेहरु के पास वैसे गरीबी दूर करने का कोई प्लान नहीं था लेकिन उस समय यह बात कहनी काफी जरुरी थी. तबसे लेकर आज तक लालकिले से गरीबी को हर प्रधानमंत्री सलामी दे रहा है.

2. याद किया था आजादी के संघर्ष को

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नेहरु ने उस समय आजादी के संघर्ष को दिल से याद किया. लेकिन इन्होनें शहीद भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद और सुभाषचंद्र बोस को याद नहीं किया था. शायद आजादी का जश्न इनको याद करने से फीका पड़ सकता था.

3. भारत को शिक्षित करने का ख़्वाब भी नेहरु का था

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पंडित जी का एक ख्याब यह भी था जो इन्होनें उस रात को बोला था कि भारत को शिक्षित होना पड़ेगा. भारत की जनता को जागरूक बनना पड़ेगा. इस बात को सुनकर हर व्यक्ति को लगा था कि हमारी आने वाली पीढ़िया अब जरूर कुछ बन जायेंगी. लेकिन यह भी एक सपना ही बनकर रह गया था.

4. समाज से असमानता मिटाना चाहते थे नेहरू

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नेहरु जी समाज से ऊँच-नीच और असमानता को जड़ से खत्म करना चाहते थे. समाज को एक बराबर बनाना ही नेहरु जी का उस समय उद्देश्य लग रहा था.

5. देश को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा

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नेहरु ने उस समय बोला था कि अब तक भारत ब्रिटिश सत्ता के पैरों पर चल रहा था. अब आज से भारत को अपने पैरों पर चलने की आदत डालनी होगी. भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा. यह बात सुन लोग रोने लगे थे.

6. एक नये युग में भारत का प्रवेश हुआ था
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पंडित जी का कहना था कि भारत ने अब एक नये युग में प्रवेश किया है. यह नया युग आजादी का है. इतिहास ऐसे पल बहुत ही कम दिखाता है. असल में बाद में पता चला कि यह न्य युग तो गाँधी परिवार के परिवारवाद के विकास का निकला.

7. भाषण था अंग्रेजी में
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यह भाषण अंग्रेजी में दिया गया था. असल में नेहरु जी को लग रहा था कि आजादी के तुरंत बाद ही देश साक्षर हो गया है. बच्चा-बच्चा लन्दन से पढ़कर लौट आया है. आधी से ज्यादा जनता को तो इनकी भाषण ही समझ नहीं आया था.

8. सबको न्याय मिलेगा

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नेहरु जी ने उस रात को बोला था कि इस स्वतंत्र देश में सबको न्याय मिलेगा. लेकिन यह नहीं बोला था कि धनवान को जल्दी न्याय मिलेगा.

असल में यह नेहरु जी ने जो भी मुख्य बातें अपने उस आधी रात के भाषण में बोली थीं.

ये थे पंडित नेहरु के वादे – उसमें से कुछ भी नेहरु अपने कार्यकाल में पूरी नहीं कर पाए थे. सच यह है कि नेहरु ने कभी देश की गरीबी को दूर करने का कोई प्लान बनाया ही नहीं. नेहरु को कभी इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था पसंद आई तो कभी रूस की. भारत की ताकत और तासीर को कभी नेहरु समझ ही नहीं पाए. नेहरु ने अपने जीवनकाल में ना कोई शिक्षा के लिए मास्टर प्लान बनाया और ना ही गरीबी को दूर करने के लिए.

कुछ बुद्धिजीवी बोलते हैं कि नेहरु के शासनकाल में धनवान का भला जरूर हो रहा था.

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