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दीपा कर्माकर का माफ़ी वाला ट्विटर अकाउंट था फर्जी

भारत की दीपा कर्माकर जो 31वें ओलम्पिक खेलों में वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं। वह महज कुछ अंकों के साथ कांस्य पदक से चूक गईं लेकिन इसके बावजूद वह इतिहास रच गईं। एक अजीब से ट्वीट के बाद दीपा की बहुत सी प्रोफाइल्स ट्विटर पर वायरल होने लगीं। लेकिन अब ट्विटर ने उनके असली हैंडल @DipaKarmakar को वेरीफाइड कर दिया है।

दीपा के चतुर्थ स्थान प्राप्त होने के ठीक बाद @idipakarmakar नाम के फर्जी ट्विटर खाते से एक ट्वीट हुआ जिसमें दीपा देश की सवा सौ करोड़ जनता से पदक न ला पाने के लिए माफ़ी मांग रही थी। यह ट्वीट काफी कम समय में ही वायरल हो गया जिसे 8000 लोगों ने रिट्वीट और लगभग 13500 लोगों ने लाइक भी किया।

https://twitter.com/idipakarmakar/status/764934223752855552

https://twitter.com/idipakarmakar/status/764904121199566848

जिमनास्ट दीपा सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय नहीं रहती हैं और कभी-कदार ही अपने खाते से ट्वीट करती है। यही कारण था कि उनके नकली खाते (@idipakarmakar) पर 13400 और उनके असली खाते पर सिर्फ 3684 अनुयायी हो गयें थें।

इसमें कोई शक नहीं है कि #dipakarmakar ट्विटर पर सही कारणों से चलन में है। उनका चौथे स्थान पर पहुंचना और पदक से थोड़ी दूरी से चूक जाना। यह हमारे देश की दुर्दशा को दिखाता है जहाँ एक खिलाडी को सिर्फ अपने खेल में ही संघर्ष नहीं करना होता बल्कि वैश्विक मंच पर पहुँचने के लिए एक दोषपूर्ण व्यवस्था से भी होकर गुजरना पड़ता है।

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