राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन की 8 प्रमुख बातें

आज देश का 70वां स्वतंत्रता दिवस है और इसकी सुबह भी कुछ खास रही प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के लाल किले से स्वतंत्रता दिवस का झंडा फहरा कर आह्वान किया। ( Modi Independence day Speech ) ऐतिहासिक लाल किले से प्रधानमंत्री का यह तीसरा संबोधन था। आपको याद होगा की इससे पहले के भाषणों में नरेंद्र मोदी जी ने जनता से आग्रह किया था कि लोग उन्हें सुझाव दें कि उनके भाषणों का प्रारूप कैसा हो और उसमें किन-किन तथ्यों को महत्व दिया जाये….।

Modi-Independence-Day-speech

मोदी की ने पाक अधिकृत कश्मीर से लेकर गरीब की थाली जैसे हर संवेदनशील मुद्दे को बड़े ही भावुक अंदाज़ में पेश किया। उन्होंने गिलगित और बलूचिस्तान के लोगों का उनके लिए विश्वास का धन्यवाद भी किया।

उनके भाषण के कुछ महत्वपूर्ण बिन्दू इस प्रकार से हैं—

1. यह जिम्मेदारी भारत के सवा सौ करोड़ लोगों पर है कि वो इस ‘स्वराज’ को ‘सुराज्य’ में बदलें। संसद से लेकर पंचायतों तक, प्रधानमंत्री से लेकर ग्राम प्रधान तक, हर किसी को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ेगा, तभी इस सुराज्य का सपना सच होगा।

2. देश आतंकवाद और उग्रवाद को नहीं उपजायेगा, युवाओं को हिंसा छोड़नी चाहिए और मुख्यधारा बनने के लिए वापस आ जाना चाहिए।

3. मैंने ‘सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण’ की नीति को अपनाने की कोशिश की है; लोकलुभावनवाद से बचने की कोशिश की है।

4. सरकार द्वारा किये गए किसी भी कार्य का हिसाब रखना तो बहुत आसान है, लेकिन उठाये गए उन क़दमों का गहराई से ज्ञान होना बहुत ही मुश्किल है। आज मैं कार्य से बढ़कर सरकार की कार्य संस्कृति के बारे में बात करना चाहता हूँ।

5. हमारी सामाजिक एकता सबसे महत्वपूर्ण है, जाति-धर्म के नाम पर विभाजन देश को कमजोर बनाते हैं। हमें इन सभी मुद्दों से ऊपर उठने की जरूरत है।

6. हमने मुद्रास्फीति की दर को 6% से नीचे लाया है; मैं आगे भी यह सुनिश्चित करता रहूँगा कि गरीबों की थाली मुद्रास्फीति से प्रभावित न हों।

7. एक वक़्त था जब सरकार आक्षेपों से घिरी होती थी और आज अपेक्षाओं से भरी है।

8. हम सभी को मिलकर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ना होगा और सामाजिक न्याय का समर्थन करना होगा। महात्मा गांधी और अंबेडकर जी जैसे महान नेताओं ने हमेशा सामाजिक एकता की आवश्यकता पर बल दिया है।

 

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