अध्यात्म

पद्मपुराण के अनुसार नहीं करने चाहिए ये 5 काम, वर्ना आप फस सकते हैं बहुत बड़े संकट में

महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित अट्ठारह पुराणों में से एक है पद्मपुराण. जीवन को खुशहाल बनाये रखने के लिए पद्मपुराण में 5 ऐसे काम बताये गए हैं जिन्हें व्यक्ति को करने से बचना चाहिए. मनुष्य द्वारा किये गए ये 5 काम उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करा सकते हैं. इसलिए इन कामों से जितनी दूरी बनाकर रखी जाए उतना ही अच्छा है. कौन से हैं वो 5 कार्य जिसे मुष्य को करने से बचना चाहिए, आईये जानें.

पद्मपुराण के अनुसार नहीं करने चाहिए ये 5 काम :

  • पद्मपुराण के अनुसार बिना वजह किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए. बिना वजह गुस्सा करने की आदत आपके दुश्मनों की संख्या को बढ़ा देती है. दुश्मनों की संख्या बढ़ने पर आपको दुखों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए बिना वजह किसी पर अपना गुस्सा ना उतारें. इससे आपके अपने ही निजी रिश्ते ख़राब हो जाते हैं.

  • कई बार लोग दूसरों के विवादों को सुलझाने में खुद उस विवाद का हिस्सा बन जाते हैं. इसलिए दूसरों के विवाद में ज़्यादा दखलंदाज़ी ना करें. अपनी सलाह उतनी ही दें जितनी ज़रुरत है. विवाद में ज़्यादा घुसने पर आप उसमें उलझ जाते हैं और ना चाहते हुए भी उस विवाद का हिस्सा बन जाते हैं. ऐसा करने पर आप खुद के लिए परेशानी मोल लेते हैं और अपने अपनों से दूरी पैदा कर लेते हैं.

  • कुछ लोगों की पीठ पीछे बुराई करने की आदत होती है और यह आदत सबसे ख़राब मानी जाती है. पीठ पीछे बुराई करने वाले लोगों का मकसद दूसरों को नीचा दिखाना होता है और उनकी यही बुरी आदत बर्बादी का कारण बनती है. इसलिए दूसरों की बुराई करने से बचना चाहिए यह  बिना वजह विवाद को जन्म देती है.

  • हमारे अपनों की बुरी आदतें भी हमारे लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. उनकी बुरी आदतों का असर हम पर भी पड़ सकता है. इसलिए ऐसे व्यक्ति के संगत में आने से बचना चाहिए जिसे दूसरों की बुराई करने की आदत हो. ऐसे व्यक्ति के साथ रहकर आप परेशानी को निमंत्रण देते हैं और यह आपके अपनों में भी दूरी पैदा कर देती है.

  • व्यक्ति को शब्दों का चुनाव सोच समझकर करना चाहिए. उन्हें कोई ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे. अच्छी बातों और अच्छे व्यवहार से हम किसी का भी दिल जीत सकते हैं. इसके विपरीत बुरी बातों और बुरे आचरण से शत्रु बना लेते हैं. इसलिए किसी भी बात को बोलने से पहले थोड़ा सोच विचार कर लेना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि आपकी बातों से किसी का दिल तो नहीं दुःख रहा.

 

 

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