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सेना ही नहीं पाकिस्तानी मीडिया ने भी छेड़ी भारत के खिलाफ जंग, खूब चला रहे भारत के खिलाफ झूठी खबर

लाहौर: भारत से बदला लेने के लिए पाकिस्तान किस हद तक जा सकता है, यह आप सभी को बतानें की जरूरत नहीं है। पहले आतंकी भेजकर भारत पर हमले करवाता है, फिर दूसरी तरह भारत के ऊपर इल्जाम भी लगता है। पूरी दुनिया यह जान चुकी है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने वाला देश है और उसके यहाँ कई खूंखार आतंकी पल रहे हैं। वह अपने आतंकियों को हथियार और आर्थिक सहायता भी मुहैया करता है।

पाकिस्तान करता है आतंकियों का भरपूर समर्थन:

कश्मीर घाटी में कई ऐसे आतंकी संगठन हैं, जो पाकिस्तान के इशारों पर काम करते हैं। पाकिस्तान उनका भरपूर समर्थन करता है। घाटी के अलगाववादियों को आर्थिक सहायता देने की बात सामने भी आ चुकी है। एनआईए की जाँच से यह साफ़ पता चला कि अलगाववादी संगठन पाकिस्तान के इशारे पर ही सरे काम करते हैं। एक तरफ से पाकिस्तानी आतंकी हमला करने भारत आते हैं और जब वह किसी मुसीबत में पड़ जाते हैं तो अलगाववादी संगठन उन्हें भगानें में मदद करते हैं।

पाकिस्तानी मीडिया निगरानी संस्था ने दिया टीवी चैनलों को चेतवानी:

पाकिस्तानी सेना और आतंकी तो भारत के खिलाफ कई सालों से जंग लड़ रहा है। अब बारी है पाकिस्तानी मीडिया की। जी हाँ पाकिस्तानी मीडिया ने भी अपने हिसाब से भारत के खिलाफ जंग छेड़ दिया है। लेकिन मीडिया के इस नापाक इरादों पर वहाँ की मीडिया निगरानी संस्था ने टीवी चैनलों को आज यह चेतवानी दी है कि वह सोशल मीडिया की फर्जी सूचनाओं के आधार पर गलत खबर का प्रसारण ना करें। यह बतानें की जरुरत नहीं है कि सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से झूठी ख़बरें वायरल हो जाती हैं।

मीडिया ने चलायी थी 17 जुलाई को सैनकों के मारे जानें की झूठी खबर:

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने अपनी नोटिस में कहा कि भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद के बीच भारतीय सैनिक की हत्या के सन्दर्भ में 17 जुलाई 2017 को फर्जी खबर प्रसारित की गयी थी। यह पेमरा के अधिनियम-2000 के तहत कई प्रावधानों का उलंघन है। पेमरा ने पाकिस्तानी टीवी चैनलों को यह सलाह दी है कि वह आचारसंहिता का पालन करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी खबर का प्रसारण ना करें।

पेमरा ने यह भी कड़ाई से कहा कि अगर टीवी चैनल अगर आचारसंहिता का पालन नहीं करते हैं तो पेमरा कानूनों के अनुसार उनके ऊपर सख्त कार्यवाई की जाएगी। उस समय पाकिस्तानी चैनल ने यह गलत खबर दी थी कि भारत-चीन सीमा पर कम से कम 158 भारतीय सैनिक मारे गए हैं। कुछ उर्दू के अखबारों ने भी यह फर्जी खबर छापी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के तत्कालीन प्रवक्ता गोपाल बागले ने इसे बिलकुल निराधार बताते हुए कहा कि यह दुर्भावनापूर्ण और शरारती हरकत है।

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