स्वास्थ्य

अधिक पानी पीना भी है सेहत के लिए हानिकारक, हो सकता है जानलेवा

किसी भी चीज का आवश्यकता से अधिक सेवन हानिकारक साबित होता है..यही बात पानी के साथ है। वैसे तो ज्यादे से ज्यादे पानी पीना स्वास्थय के लिए लाभदायक माना जाता है लेकिन इसके सेवन की भी एक सीमा होनी चाहिए.. क्योंकि पानी के फायदे अपनी जगह, मगर यह भी सच है कि जरूरत से ज्यादा पानी पीना सेहत के लिये नुकसानदेह हो सकता है…. इससे किडनी और दिल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही इसके और भी कई सारे खतरनाक प्रभाव हैं।

सामान्यतया एक व्यक्ति को दिन में 8 से 10 ग्लास या औसतन 2 लीटर पानी पीना चाहिए लेकिन सेहत बनाने के चक्कर में लोग सीमा से अधिक पानी का सेवन करते हैं। किसी को लगता है कि पानी पीने से वजन घटता है। कोई खूबसूरत स्किन की खातिर पानी पीता है। ज्यादातर लोग केवल पानी के फायदों से वाकिफ होते हैं पर ये सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है..कम ही लोग जानते हैं। आज हम आपको यहीं बताने जा रहे हैं कि वास्तव में अधिक पानी का सेवन सेहत पर कितना भारी पड़ सकता है।

किडनी पर पड़ता है ज्यादा प्रेशर

हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारी किडनी पर ज्यादा प्रेशर पड़ सकता है, जो नुकसानदेह है। ज़्यादा पानी पीने के कारण किडनी को अपने क्षमता से ज़्यादा काम करना पड़ता है, जिसके कारण आपको किडनी से जुड़ी समस्याओं को भी झेलना पड़ सकता है।

दिल के लिये खतरा

World Heart Day, Heart Problem

जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे दिल को भी खतरा हो सकता है। पानी के ओवरडोज़ से दिल व फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिसके कारण व्यक्ति को हर्ट अटैक का भी सामना करना पड़ सकता है। बायपास सर्डरी करा चुके मरिजों को डॉक्टर कम पानी पीने का सलाह देते हैं।

पाचन पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव

जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद वह रस काम करना बंद कर देते हैं, जिनसे खाना पचता है। लिहाजा खाना देर से पचने लगता है। कई बार खाना ठीक से पच भी नहीं पाता।

सर्दी ज़ुकाम

अधिकांश लोगों को सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने की आदत होती है। हालांकि, ये आदत आपके लिए बेहत लाभकारी है लेकिन तब जब आप ठंडे पानी की बजाए गुनगुने पानी का सेवन करें। सुबह उठते ही खाली पेट ठंडा पानी पीने से आपको सर्दी- ज़ुकाम या बूखार भी हो सकता है।

दिमाग पर असर

पानी का ज़्यादा सेवन करने से शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है जिसके कारण मसतिष्क में सूजन होने लगती है। दिमाग में होने वाली इस सूजन को हाइपोएटरोमिया नामक बीमारी के नाम से जाना जाता है।

दरअसल पिछले कुछेक साल में पानी का इतना प्रचार किया गया है कि हर व्यक्ति पानी को हेल्थ टॉनिक समझने लगा है। हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि पानी की इतनी पब्लिसिटी उस समय की गई थी, जब लोग फिटनेस फ्रीक नहीं थे..फल नहीं खाते थे। जूस और ग्रीन टी का चलन नहीं था। ये सारी चीजें शरीर में पानी का लेवल बनाए रखती हैं। अगर कोई व्यक्ति इन चीजों का सेवन कर रहा है तो उसे प्यास से ज्यादा पानी पीने की जरूरत नहीं है।

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