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जी7 के समिट में पहुंचा बौद्ध भिक्षु, हिंदी में सन्देश लिख कर पूरी दुनिया से लगाई गुहार

टोक्यो, जापान में हिरोशिमा शहर में आज से 21 मई तक जी-7 देशों का सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। जापान की ओर से हिरोशिमा में जी-7 की बैठक का एक विशेष उद्देश्य है कि इसके माध्यम से विश्व में शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण का संदेश पहुंचे। जी-7 की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पश्चिमी देश रूस द्वारा परमाणु हथियारों के लगातार इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी है। इस बीच, एक बौद्ध भिक्षु ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

जापान के एक बौद्ध भिक्षु, तोयोशिगे सेकिगुची, हिरोशिमा में G7 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सेंटर के बाहर एक तख्ती के साथ खड़े हैं।, जहां विश्व के नेताओं से विश्व शांति और परमाणु हथियारों के उपयोग को दूर करने का आग्रह किया गया है। उनके हाथ में एक तख्ती है, जिस पर हिंदी में लिखा है, “हे राम! परमाणु हथियारों को खत्म करने की अंतर्राष्ट्रीय संधि में शामिल होकर हमें नरक से बचाएं।”

न्यूज़ एजेंसी के साथ बात करते हुए बौद्ध भिक्षु ने कहा, “1945 में, हिरोशिमा में एक परमाणु बम गिराया गया था, जिसके कारण अनेक लोगों की मौत हुई थी। हम और त्रासदी नहीं चाहते हैं। हमें शांति की आवश्यकता है।” वह एक बाजा भी ले रखा है, जिसे बजाकर वह लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने अपने तख्ती पर भारत सहित कई देशों के झंडे भी लगा रखे हैं।

जी-7 एक प्रमुख औद्योगिक देशों का संगठन है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, और ब्रिटेन शामिल हैं। इसके साथ ही यूरोपियन यूनियन के दो प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। नियमों के अनुसार, जी-7 के बाहरी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और गैर सदस्य देशों के नेता भी सम्मेलन में शामिल होते हैं। इस बार, जी-7 के बाहरी नेताओं के रूप में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कोमोरोस, कुक आइलैंड्स, भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, और वियतनाम के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

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