राजनीति

पाकिस्तान को उसके घर में ही राजनाथ सिंह ने खूब ‘धोया’, पढिए पूरा भाषण

आतंकवाद के खिलाफ हमारी आम लड़ाई में आतंकवाद के खात्‍मे के लिए सार्क क्षेत्रीय सम्‍मेलन का कार्यान्‍वयन और इसके अतिरिक्‍त प्रोटोकॉल बहुत महत्‍वपूर्ण हो जाते हैं। इसमें प्रभावी प्रयासों को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आतंकवादी वारदात करने वाले मुकदमे और दंड से न बच सकें तथा उनका प्रत्‍यर्पण हो और उन्‍हें सजा सुनिश्चित हो सके।

डिजिटल प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के कारण आतंकवाद का खतरा बहुत बढ़ गया है। आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमें अपने प्रयासों के तहत साइबर अपराध, आतंकवादियों से उसका संपर्क इत्‍यादि पर भी ध्‍यान देना होगा। हमें यह भी प्रयास करना होगा कि सोशल मीडिया और अन्‍य आधुनिक प्रौद्योगिकी का बेजा इस्‍तेमाल न हो तथा युवाओं को आतंकवाद की तरफ मोड़ने के प्रयासों को रोका जा सके।

मुझे खुशी है कि सभी सार्क सदस्‍य देशों ने हमारे इस प्रस्‍ताव का समर्थन किया है कि नई दिल्‍ली में 22-23 सितंबर, 2016 से सार्क आतंकवाद विरोधी प्रणाली को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों के उच्‍च स्‍तरीय समूह की दूसरी बैठक आयोजित की जाए। मुझे भरोसा है कि आप सभी इससे सहमत होंगे और मैं उम्‍मीद करता हूं कि बैठक अपने उद्देश्‍य को प्राप्‍त करेगी। मैं अपने गणमान्‍य सहयोगियों का ध्‍यान इस तरफ भी आ‍कर्षित करना चाहता हूं कि आपराधिक मामलों में पारस्‍परिक सहयोग संबंधी सार्क प्रस्‍ताव को तुरंत स्‍वीकार कर लिया जाए। कुछ सदस्‍य देश इस प्रस्‍ताव को अभी स्‍वीकार नहीं कर रहे हैं जिसके कारण हमें उसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। मैं उन सदस्‍य देशों से आग्रह करता हूं कि वे अतिशीघ्र उक्‍त प्रस्‍ताव को स्‍वीकार कर लें।

नशीले पदार्थों की तस्‍करी और उनके दुरुपयोग के कारण भी हमारे सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है जिसका बहुत दुष्‍प्रभाव पड़ रहा है। यह ऐसी समस्‍या है जो सीधे-सीधे संगठित अपराध से जुड़ी है। आज नशीले पदार्थों के व्‍यापार के जरिये अवैधानिक धनराशि का आवागमन हो रहा है। नशीले पदार्थों की तस्‍करी के साथ-साथ जाली मुद्रा के प्रसार की समस्‍या भी गंभीर हो गई है। इसके कारण आतंकवाद पनप रहा है और हमारे क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है। नशीले पदार्थों से संबंधित क्षेत्रीय प्रस्‍तावों के कार्यान्‍वयन के लिए हम हर संभव सहयोग देने, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार हैं। इस समय इस बात की भी जरूरत महसूस की जा रही है कि सार्क आतंकवादी अपराध निगरानी डेस्‍क और सार्क नशीले पदार्थ आपराधिक निगरानी डेस्‍क को पूरी क्षमता से गतिशील किया जाए।महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा के उपायों से सभी देश मजबूत होंगे। यह बहुत प्रासंगिक है कि सार्क ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता दी है, क्‍योंकि सूचना प्रौद्योगिकी तथा विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की परिवर्तनशीलता के कारण नये खतरे पैदा हो रहे हैं। भारत में हमने इस संबंध में कई नये कदम उठाए हैं, जिनमें बच्‍चों के बचाव के लिए ‘ट्रैक चाइल्‍ड’ राष्‍ट्रीय पोर्टल और ‘ऑपरेशन स्‍माइल’ जैसे कदम शामिल हैं। बच्‍चों के विरुद्ध हिंसा समाप्‍त करने के लिए दक्षिण एशिया पहल के संबंध में मंत्रिस्‍तरीय बैठक में हमने अपने अनुभवों को साझा किया था। इसका आयोजन अभी हाल में हमने किया था। हमारे प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे प्रमुख कार्यक्रम को शुरू किया है। यह कार्यक्रम तेजी से विकसित हो रहा है और लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, जीवन और अधिकारिता सुनिश्चित करने की दिशा में बहुत योगदान कर रहा है।

इस मंच से हमने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ सहयोग पर भी चर्चा की है। इस संबध में मैं उल्‍लेख करना चाहता हूं कि अधिक पारदर्शिता और सुशासन हमारी नीति की बुनियाद है। मैं एक उदाहरण देना चाहता हूं कि हमारी वित्‍तीय समावेश संबंधी जनधन योजना, विशिष्‍ट पहचान प्रणाली आधार जैसी विश्‍व की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक प्रणाली और प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण के जरिये हम अपनी सेवाओं में आमूल परिवर्तन कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सार्वजनिक योजनाओं के लाभ मैदानी स्‍तर तक पहुंचें।

अगले कुछ महीनों में इस क्षेत्र के सभी नेता 19वें सार्क शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए इस्‍लामाबाद में जमा होंगे। मैं उम्‍मीद करता हूं कि हम अपने नेताओं को यह बताने में सक्षम होंगे कि पारस्‍परिक हितों से संबंधित क्षेत्रों में हमने क्‍या ठोस प्रगति की है। अध्‍यक्ष महोदय, यह समय कार्रवाई करने का है। इन्‍हीं शब्दों के साथ मैं आप सबके प्रति और अपने सभी विशिष्‍ट सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता व्‍यक्‍त करता हूं।

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