पुण्य नहीं पाप है इन 5 चीजों का दान, राजा भी बन जाता है फकीर, रूठ जाती है मां लक्ष्मी
हिन्दू धर्म में दान धर्म को काफी महत्व दिया गया है। खासकर जब कोई तीज-त्योहार आता है तो दान का महत्व और भी बढ़ जाता है। कहते हैं इस दान से घर में बरकत आती है। ईश्वर आप से खुश होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दान करने के भी कुछ खास नियम होते हैं। जैसे कुछ खास चीजों का दान करने की मनाही होती है। इन्हें दान करने से लाभ की जगह नुकसान होता है। फिर आपके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है।
बेहद अशुभ है इन चीजों का दान
1. बासी खाना: कई लोग जरूरतमंदों और गरीबों को खाना खिलाते हैं। लेकिन अधिकतर उन्हें अपने घर का बासी बचा कूचा खाना ही देते हैं। शास्त्रों की माने तो किसी को बासी और पुराना खाना देना अशुभ होता है। इससे आपके घर दुख और परेशानियाँ आती है। आपका बासी खाना सामने वाले को बीमार कर सकता है। फिर उसके मुंह से निकली बददुआ आपको बर्बाद कर देती है।
2. फटी किताबें: कुछ लोग बच्चों को किताबें भी दान करते हैं। लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें कि यह किताबें फटी हुई ना हो। वरना मां सरस्वती नाराज हो जाती है। फिर इसका दुखद परिणाम मासूम बच्चों को भुगतना पड़ता है। वे पढ़ाई लिखाई में कमजोर हो जाते हैं। इसी प्रकार फटे कटे ग्रंथ भी दान नहीं करना चाहिए। ये भी अशुभ होता है।
3. नुकीली चीजें: दूसरों को नुकसान पहुंचा सकने वाली चीजें जैसे कैंची, चाकू, तलवार या बंदूक इत्यादि दान में नहीं दिए जाते हैं। इनका इस्तेमाल सामने वाला किसी गलत काम के लिए भी कर सकता है। यह चीजें पारिवारिक कलह बढ़ाती हैं। इसलिए ऐसी चीजों का दान करने कि भूल ना करें। वरना आपको पुण्य नहीं पाप मिलेगा।
4. झाडू: हिंदू मान्यताओं के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इसलिए इसका दान करना मतलब मां लक्ष्मी को आने घर से विदा करना। और एक बार मां लक्ष्मी आपके घर से चली जाए तो वहाँ गरीबी और दरिद्रता पैर पसार लेती है। इसके अलावा कई प्रकार की बीमारियाँ भी आपको घेरने लगती है। इसलिए झाड़ू का दान भूलकर भी ना करें।
5. इस्तेमाल किया हुआ तेल: हम अक्सर शनिवार को तेल का दान करते हैं। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन आपको खराब या इस्तेमाल किया हुआ तेल का दान नहीं करना चाहिए। इससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं। फिर घर पर एक के बाद एक कई दुख दस्तक देने लगते हैं। सुख गायब हो जाते हैं और दुखों का ढेर लग जाता है। इसलिए तेल दान करना ही है तो नया तेल दान करें।