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साइकिल सुधारने वाले की बेटी अब NASA में करेगी काम, खुद स्कूल के लिए करती है 43 KM का सफर

महासमुंद (छत्तीसगढ़) : छत्तीसगढ़ के महासमुंद की एक बेटी ने कमाल कर दिया. हाल ही में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) के सिटीजन साईंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत से छह स्कूली विद्यार्थियों का चयन किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो साथ मिलकर काम करती है.

इनमें एक नाम छत्तीसगढ़ के महासमुंद की एक बेटी का भी शामिल है. यहां बात हो रही है रितिका ध्रुव की. रितिका ध्रुव अभी महज 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है. वे महासमुन्द में नयापारा के स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल की छात्रा है. अब स्कूल की पढ़ाई के बीच ही रितिका ध्रुव प्रशिक्षण लेने इसरो श्री हरिकोटा पहुंच चुकी है.

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बधाईयों का लगा तांता, सीएम बघेल ने भी दी शुभकामनाएं…

11वीं कक्षा की छात्रा रितिका ध्रुव का इस प्रोजेक्ट के लिए चयन होने पर उन्हें लोग खूब बधाई दे रहे हैं. इस बेटी को बधाई और शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया है. वहीं रितिका को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी शुभकामनाएं दी है. सीएम बघेल ने रितिका के लिए एक ट्वीट किया.

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मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी ओर से रितिका के लिए शुभकामनाएं भेजी. CMO छत्तीसगढ़ की ओर से ट्वीट में लिखा गया कि,”@MahasamundDist के स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल की कक्षा 11वीं की छात्रा रितिका ध्रुव का चयन @NASA के सिटीजन साईंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्षुद्रग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है. मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने रितिका की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी”.


8वीं कक्षा में पहली बार लिया था अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में हिस्सा…

शुरू से ही रितिका की विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रही है. 8वीं कक्षा में रितिका ने पहली बार अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में भाग लिया था. इसके बाद से लेकर अब तक वे विज्ञान संबंधी गतिविधियों से जुड़ी रही है. हाल ही में रितिका ने नासा के प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किया था. इसके बाद उसे इसरो के श्री हरिकोटा (आंध्रप्रदेश) सेंटर में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया. बता दें कि रितिका के साथ वोरा विघ्नेश (आंध्रप्रदेश), वेम्पति श्रीयेर (आंध्रप्रदेश), ओलविया जॉन (केरल), के. प्रणीता (महाराष्ट्र) और श्रेयस सिंह (महाराष्ट्र) का भी चयन हुआ है.

पिता करते है साइकिल रिपेयर, स्कूल के लिए 43 KM का सफर करती है रितिका…

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कहते है कि अगर किसी काम के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. रितिका एक बेहद गरीब परिवार से संबंध रखती है. उसके पिता महासमुंद ने साइकिल रिपेयरिंग का काम करते है और एक छोटी सी दुकान चलाते है. वहीं रितिका हर दिन स्कूल के लिए 43 किलोमीटर लंबा सफर तय करती है.

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