राजनीति

डोकलाम विवाद : जानिए, चीन से युद्ध हुआ तो कौन सा देश होगा किसके साथ?

नई दिल्ली – डोकलाम को लेकर भारत और चीन आमने-सामने हैं। हालात ये हैं कि दोनों देशों के के बीच कभी भी युद्ध छिड़ सकता है। ऐसे में इस बात को जानना बहुत जरुरी है कि दोनों देश कि युद्ध क्षमता क्या है। युद्ध कि स्थिती में कौन किस पर भारी पड़ेगा और दुनिया के बाकी देश किसका साथ देंगे। India china war who will help.

भारत को हो सकता है भारी नुकसान

हम चाहे जितने भी दावे कर लें लेकिन वास्तविकता ये है कि चीन के पास भारत से बड़ी सेना है। भारत के मुकाबले चीन के पास आधुनिक हथियारों कि संख्या ज्यादा है। इस सबके अलावा भारते के लिए जो सबसे अधिक चिंता करने वाली बात चीन के पास मौजूद पानी (हथियार) है। आपको बता दें कि इस हथियार से चीन भारत के कई राज्यों में भारी तबाही मचा सकता है। इस बात को रक्षा जानकार भी मानते हैं कि चीन के इस हथियार से भारत के कई राज्यों में भारी बाढ़ आ सकती है। लेकिन ये स्थिती दुनिया के अन्य देशों के भारत-चीन युद्ध में शामिल होते ही बदल सकती है।

कौन-कौन से देश होंगे भारत के साथ –

अमेरिका

सबसे पहले बात मौजूदा समय में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका कि करते हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत के संबंध अमेरिका से बेहतर हुए हैं। इसके अलावा चीन ने अमेरिका कि नांक में भी दम कर रखा है। तो ऐसे में ये संभावना ज्यादा है कि अमेरिका भारत का साथ दे।

जापान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो अबे की दोस्ती काफी गहरी है। जापान ने भी खुलेआम कहा है कि भारत भूटान के साथ अपने द्विपक्षीय समझौते के आधार पर ही डोकलाम में दखल दे रहा है।

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने भारत दौरे के दौरान चीन को डोकलाम पर संयम बरतने और भारत से बात करने कि सलाह दी थी। दक्षिणी चीन सागर को लेकर ऑस्ट्रेलिया चीन को चेतावनी भी दे चुका है।

वियतनाम

साल 2016 में पीएम मोदी कि वियतनाम यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच में संबंध बेहतर हुई हैं। दक्षिणी चीन सागर को लेकर वियतनाम का भी चीन से विवाद होता रहता है। इसलिए संभव है कि वियतनाम भी इस जंग में भारत का साथ दें।

यूरोपीय देश

फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देश भी भारत के साथ आ सकते हैं। इन सभी देशों से भारत के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं। इस सभी देशों ने सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत कि स्थाई सदस्यता का समर्थन किया था।

 

कौन-कौन से देश होंगे चीन के साथ –

पाकिस्तान

चीन का साथ देने वालों में सबसे पहला नाम आतंक परस्त देश पाकिस्तान का है। पिछले कुछ समय से चीन और पाकिस्तान के बीच दोस्ती कुछ ज्यादा ही गहरी हो गई है। चीन ने पाकिस्तान परस्त कई आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित होने से बचाने के लिए अपने वीटो अधिकार का सहारा लिया है।

 नॉर्थ कोरिया

अमेरिका के साथ बढ़ते विवाद और चीन से बढ़ते दोस्ती का हाथ देखकर कहा जा सकता है कि नॉर्थ कोरिया भी चीन के साथ ही रहेगा। नॉर्थ कोरिया जैसे विनाशाकारी देश का चीन का साथ देना दुनिया के लिए अच्छा नहीं होगा।

रूस

रुस को वैसे तो भारत का करीबी दोस्त माना जाता है। लेकिन मौजूदा हालात में यह नहीं कहा जा सकता कि रूस इस युद्ध में किसका साथ देगा। डोकलाम विवाद पर अभी तक रूस ने कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि इतिहास से पता चलता है कि रूस ने हमेशा ही भारत का साथ दिया है।

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