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मेरा देश बदल रहा है, अमरीका का अस्पताल छोड़ इलाज के लिए भारत आई महिला, सफर में खर्च हुए 1 करोड़

एक समय था जब लोग भारत की मेडिकल सुविधाओं से संतुष्ट नहीं थे। ऐसे में जिनके पास पैसा होता था वह भारत छोड़ अमेरिका या यूरोप के किसी देश में अपना इलाज करवाता था। उन्हें लगता था कि विदेश में उन्हें भारत के मुकाबले ज्यादा अच्छी मेडिकल सुविधाएं मिलेगी। लेकिन बीते कुछ सालों में मामला उल्टा हो गया है। अब अमेरिका और विदेश के लोग भी किफायती और बेहतर इलाज के लिए भारत आते हैं।

1 करोड़ खर्च कर इलाज कराने भारत आई महिला

इसका ताजा उदाहरण 19 जुलाई, मंगलवार को देखने को मिला। यहां अमेरिका के पोर्टलैंड से 67 साल की एक महिला चेन्नई आई। उन्हें दिल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। महिला को एयर एंबुलेंस फ्लाइट (Air Ambulance Flight) से भारत लाया गया। इसमें 26 घंटे का समय और लगभग 1 करोड़ रुपए (1,33,000 डॉलर) लगे। इसे सबसे लंबा एरोमेडिकल इवैकुएशन (Aeromedical Evacuation) कहा जा रहा है।

 

महिला मूल रूप से इंदिरानगर की रहने वाली हैं। हालांकि वह बीते कुछ सलों से अमेरिका के ओरेगॉन में बच्चों संग रह रही थी। यहां महिला को दिल की बीमारी हो गई। ऐसे में बच्चों ने पहले अमेरिका में महिला का इलाज करवाया। लेकिन वहां इलाज में काफी समय और पैसा लग रहा था। ऊपर से बच्चों को वहां के डॉक्टरों पर इतना भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने माँ को इलाज के लिए भारत भेजने का प्लान बनाया।

अमेरिका से भारत लाने में करनी पड़ी तगड़ी जुगाड़

महिला को दिल की सर्जरी के लिए भारत लाना इतना आसान भी नहीं था। इसमें दो सुपर-मिडसाइज जेट लगे। वहीं महिला की हालत को देखते हुए उनके साथ , 3 डॉक्‍टर और दो पैरामेडिक की टीम साथ चली। यह लंबा एयरलिफ्ट सफर रविवार, 17 जुलाई को ओरेगॉन के पोर्टलैंड से शुरू हुआ। महिला को पहले लीगेसी गुड समैरिटन मेडिकल सेंटर से पोर्टलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट लाया गया।

यहां महिला को सुपर मिडसाइज प्राइवेट जेट चैलेंजर 605 में रखा गया। इसमें महिला की सेहत पर नजर बनाए रखने के लिए पहले फ्लाइंग इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) बनाया गया। फिर तीन डॉक्‍टर और दो पैरामेडिक की टीम ने पूरे सफर में महिला पर निगरानी रखी। करीब साढ़े सात घंटों में वह रेकजाविक एयरपोर्ट (आइसलैंड) आई। यहां विमान ईंधन भरवाने के लिए रुका।

फिर विमान 6 घंटों का सफर कर इस्‍तानबुल (तुर्की) आया। यहां पर मेडिकल और एविशन क्रू बदला गया। हालांकि बेंगलुरु से अमेरिका मरीज की निगरानी को आए डॉक्टरों को चेंज नहीं किया गया।

चेन्नई के अस्पताल में होगी दिल की सर्जरी

तुर्की में महिला को एक दूसरे चैलेंजर 605 में शिफ्ट किया गया। फिर 4 घंटों के सफर के बाद वे दियारबकिर एयरपोर्ट पहुंची। फिर मंगलवार सुबह 2.10 पर वह चेन्‍नई आ गई। यहां इमीग्रेशन की औपचारिकताएं पूरी होते ही उन्हें अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट किया गया।

डॉ शालिनी नलवाड़ के अनुसार भारत में महिला को लाने में जितना खर्चा आया उससे अधिक अमेरिका में ट्रीटमेंट करने में आता। वहां ट्रीटमेंट पीरियड लंबा और खर्चीला था। वहीं कुछ सूत्रों का कहना है कि महिला को भारतीय पासपोर्ट होल्‍डर हेल्‍थ होने के चलते इंश्‍योरेंस क्लेम करने में दिक्कत हो रही थी।

दुनिया की सबसे वजनी महिला भी इलाज के लिए आई थी भारत

इसके पहले मिस्र की महिला इमान अहमद भी भारत अपना इलाज करने को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं। इमान दुनिया की सबसे वजनी महिला थी। उनका इलाज दक्षिण मुंबई के सैफी अस्पताल में हुआ था। यहां उन्होंने अपना 30 किलो वजन कम किया था। भारत के इलाज से वे काफी खुश थी।

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