जब ऋषि कपूर ने कहा था- ‘मुझे कोई कंधा देने वाला नहीं होगा’, 3 साल बाद सच हुई भविष्यवाणी
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता रहे ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) के निधन को दो साल पूरे हो चुके हैं. 30 अप्रैल को ऋषि कपूर की दूसरी पुण्यतिथि है. महज 67 साल की उम्र में ऋषि कपूर का मुंबई के एक अस्पताल में आज ही दिन साल 2020 में देहांत हो गया था.
ऋषि कपूर राज कपूर साहब के तीन बेटों में दूसरे नंबर के बेटे थे. यानी कि वे भाई रणधीर कपूर से छोटे और राजीव कपूर से बड़े थे. फ़िल्मी दुनिया में ऋषि कपूर ने पिता राज कपूर की तरह ही खूब लोकप्रिययता और सफलता हासिल की थी. अब फैंस के दिलों में ऋषि साहब अपने फिल्मों, अदाकारी और किस्सों के चलते जीवित है.
ऋषि कपूर अक्सर सख़्त रवैया अपनाते हुए दिखते थे. वे काफी गुस्सैल स्वभाव के भी थे. ऋषि अपनी बेबाकी और हाजिरजवाबी के लिए भी मशहूर रहे. वहीं ऋषि सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते थे और अक्सर पोस्ट करते रहते थे. ऐसे में उन्होंने एक बार अपनी मौत को लेकर भविष्यवाणी कर दी थी.
शायद ऋषि कपूर को अपनी मौत का आभास होने लगा था. अपनी मौत को लेकर ऋषि ने ख़ास बात कही थी और उसके ठीक तीन साल तीन दिनों के बाद उनका आज ही के दिन साल 2020 में निधन हो गया था. ऋषि ने एक ट्वीट किया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी.
दरअसल 27 अप्रैल 2017 को हिंदी सिनेमा के मशहूर और दिग्गज अभिनेता रहे विनोद खन्ना ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. तब एक ट्वीट ऋषि कपूर ने किया था. अपने ट्वीट में अभिनेता ने लिखा था कि, ”जब मैं मरूंगा तो कोई मुझे कंधा देने वाला नहीं होगा”.
बात यह है कि विनोद खन्ना जैसे दिग्गज अभिनेता की अंतिम यात्रा में बहुत कम लोग शामिल हुए थे. इसे लेकर ऋषि कपूर ने नाराजगी जताई थी और उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि, ”ऐसे क्यों? मेरे और मेरे बाद. मुझे तैयार रहना चाहिए, जब मैं मरूंगा तो कोई मुझे कंधा देने वाला नहीं होगा. बहुत ज्यादा गुस्सा हूं, आज के तथाकथित सितारों से”.
हुआ भी था कुछ ऐसा ही…
ऋषि कपूर द्वारा की गई भविष्यवाणी उनके निधन पर सही भी साबित हो गईं थी. जब ऋषि कपूर का निधन हुआ तब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था. लोग अपने घरों में थे. बाहर आने जाने पर पाबंदी थी. ऋषि कपूर का घर परिवार के लोगों के बीच ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था. उनकी अंतिम यात्रा में कोई भी आ नहीं सका.
ऋषि कपूर महज तीन साल की उम्र में अपने पिता राज कपूर और नरगिस की फिल्म ‘श्री 420’ के गाने ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ में नजर आए थे. इसके बाद उन्होंने पिता की ही साल 1970 में आई फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में उनके यंग किरदार को निभाया था.
ऋषि का बतौर मुख्य अभिनेता डेब्यू सुपरहिट फिल्म ‘बॉबी’ से हुआ था. यह फिल्म साल 1973 में आई थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. ऋषि कपूर ने अपने 50 साल के फ़िल्मी करियर में 121 फ़िल्में दी. ऋषि कपूर की आख़िरी फिल्म ‘शर्मा जी नमकीन’ उनके निधन के करीब दो साल बाद हाल ही में मार्च के अंत में रिलीज हुई थी.