
क्या सोनिया के आगे झुकते हैं उद्धव, बाल ठाकरे ने ऐसे लोगों के बारे में ये कहा था, देखिए Video
कांग्रेस के साथ सरकार बना कर उद्धव ठाकरे मुख्य मंत्री तो बन गए हैं, लेकिन अब हनुमान चालीसा और अजान विवाद के बाद उनके इस फैसले को लेकर तीखे हमले होने लगे हैं। कुछ लोग ‘शिवसेना’ को ‘शवसेना’ कह रहे हैं तो कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर आज बाल ठाकरे जिंदा होते तो अपने बेटे को देखकर शर्म से मर जाते।
उधर शिवसेना ऐसे लोगों पर करारा वार कर रही है। शिवसेना का मुख्य निशाना बीजेपी पर है। शिवसेना का कहना है कि महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाने की वजह से उसे जो मिर्ची लगी है उसी का ये नतीजा है। लेकिन अजान विवाद के बाद तो कभी एक दूसरे के छोटे और बड़े भाई की भूमिका में रहने वाली ये पार्टियां एक दूसरे की दुश्मन नंबर 1 बनती दिख रही हैं।
सोनिया के आगे झुकते हैं उद्धव
इसी सियासी जंग के बीच बीजेपी के विधायक नितेश राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर यह आरोप लगाया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के समक्ष नतमस्तक होते हैं। इसी वजह से उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन में दर्द होता है। हालांकि जब तक बालासाहेब ठाकरे जिंदा थे। तब तक उन्होंने सोनिया गांधी और उनके कुछ खास लोगों का अक्सर विरोध किया था। उन्होंने एक सभा में भाषण के दौरान यह भी कहा था कि सोनिया गांधी के सामने कांग्रेस पार्टी के कई हिजड़े लोग झुकते हैं। जब तक ऐसे लोग कांग्रेस पार्टी में हैं तब तक इस देश का भला नहीं हो सकता है।
बाल ठाकरे के बयान को बीजेपी ने बनाया मुद्दा
आज बीजेपी के नेता इसी बयान को मुद्दा बनाते हैं कि जिस कांग्रेस पर बालासाहेब ठाकरे अक्सर हमला करते थे। आज उसी कांग्रेस पार्टी की गोद में उद्धव ठाकरे बैठे हुए हैं और उनकी हर बात पर अमल करते हैं। क्या यह वाकई में उनकी राजनीतिक मजबूरी है या फिर उनका हिंदुत्व बदल चुका है?
Hijde jhukte hai Sonia ke samne – Bala Sahib Thackeray pic.twitter.com/gD6v8Wfj3d
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) November 11, 2019
साल 2012 की दशहरा रैली में जब बाल ठाकरे खुद मौजूद नहीं हो पाए थे। तब उन्होंने एक ऑडियो क्लिप के जरिए अपना संदेश सभा में मौजूद तमाम दर्शकों और श्रोताओं के लिए भेजा था। इस ऑडियो संदेश में उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका-रॉबर्ट वाड्रा और उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को 5 लोगों का गिरोह बताया था। तब उन्होंने कहा था कि इस गिरोह को तबाह किया जाना चाहिए। यह पंच कड़ी नष्ट होनी चाहिए और इन्हें देश से निकाल कर बाहर फेंक देना चाहिए। आपको बता दें कि इस दौरान बालासाहेब ठाकरे की तबीयत काफी खराब चल रही थी
उद्धव की क्या है मजबूरी?
कया शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव का सोनिया गांधी के सामने झुकना एक राजनीतिक मजबूरी है? वो इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर तीन पार्टियों की सरकार चलानी है तो कांग्रेस को नाराज या नजरअंदाज करके नहीं चला जा सकता है। इसलिए वो सोनिया गांधी की बात को मानते हैं। इस बात को झुकना कहना ठीक नहीं होगा क्योंकि ये गठबंधन सरकार का धर्म है। शिवसेना किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में आने नहीं देना चाहती है। ऐसी सूरत में उसे कांग्रेस की भी बात माननी पड़ेगी। दूसरी तरफ बीजेपी के लिए यह एक सियासी हथियार है जिसका इस्तेमाल करने से वो गुरेज भी नहीं करेगी।