राजनीति

अगवा करके भी भगवा होने से नही बचा पाई कांग्रेस, पटेल का राज्यसभा पहुँचना मुश्किल

गुजरात में कई सप्ताह से जारी राजनीतिक जंग का फैसला आज होना है .. बीजेपी की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की है पर तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के अहमद पटेल और बीजेपी से कांग्रेस के ही बागी नेता बलवन्त सिंह राजपूत के बीच रोमान्चक मुकाबला चल रहा है …कांग्रेस विधायको की क्रॉस वोटिंग की वजह से अहमद पटेल की राह और भी मुश्किल हो चली है ..ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। Gujrat Rajysabh election

राजनीति के दो चाणक्यों की साख दांव पर

गुजरात में लगभग दो दशक के बाद चुनाव हो रहा है ..यहां से बङे दलों के अधिकृत प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाते थे लेकिन इस बार भाजपा ने पांचवें कार्यकाल के लिए किस्मत आजमां रहे पटेल के सामने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है। बलवन्त सिंह राजपूत को जीताने के लिए बीजेपी को दो अतिरिक्त वोट की जरूरत है और इसके लिए पार्टी ने पूरी जोर भी लगा दी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने गढ़ में सभी राजनीतिक बिसात बैठाए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के अहमद पटेल की गुजरात में अच्छी साख है और वो कांग्रेसी खेमें की न्ईयां पार लगाने की जुगत में हैं। अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए …उनकी पार्टी के पास वर्तमान 44 विधायकों का समर्थन है ….पर अब जबकि क्रॉस वोटिंग का खुलासा हो चुका है तो कांग्रेस के इस खेवनहार की नईयां बीच मजधार में फंसती दिख रही है।

बेंगलुर रिजॉर्ट के चक्रव्यूह में भी सेंध लग गयी

गुजरात में राज्यसभा चुनाव की अब तक की घटनाक्रम बेहद दिलचस्प रही है । पिछले महीने शंकर सिंह वाघेला जैसे कद्दावर नेता समेत कांग्रेस के सात विधायकों के साथ छोङने के बाद कांग्रेस सकते में आ गई और पार्टी ने बाकी बचे विधायकों को बीजेपी का शिकार बनने से बचाने के लिए उन्हे बेंगलुर स्थित रिजॉर्ट में भेंज दिया । यहां तक की रक्षाबन्धन पर भी ये विधायक पार्टी की खींची हुई लक्षमण रेखा में बंधे रहें। पर आज की क्रॉस वोटिंग तो यही बता रही है कि अगवा करके भी कांग्रेस, अपने विधायकों को भगवा होने से नही बचा पाई।

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