
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी TMC की गुंडागर्दी बदस्तूर जारी है। आज आसनसोल संसदीय सीट पर चुनाव के दौरान TMC कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की महिला उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल और उनके काफिले पर हमला किया गया। हथियारों और लाठी-डंडे से लैस लोगों पर हमले का आरोप है। इस दौरान बंगाल की पुलिस खड़ी होकर तमाशा देखती रही। हमले में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को चोट भी आई है।
अग्निमित्रा पॉल ने लगाया आरोप
अग्निमित्रा पॉल ने आरोप लगाया है कि उनके काफिले पर हमला हुआ है। उन्होंने कहा कि टीएमसी के लोगों ने हमपर हमला किया और काफिले पर पत्थर फेंके गए हैं। पुलिस कुछ नहीं कर रही है। अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी जितनी भी कोशिश कर लें, जीत बीजेपी को ही मिलेगी।
#WATCH | West Bengal: Violence breaks out in Asansol where bypoll voting to Lok Sabha seat is underway. Agnimitra Paul, who is BJP candidate for the seat alleges, “TMC people attacked us, hurled stones at our convoy. Police doing nothing… ” pic.twitter.com/pdQGZWF57h
— ANI (@ANI) April 12, 2022
आपको बता दें कि आसनसोल में 15 लाख मतदाता हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए सेंट्रल फोर्स की 63 कंपनियों को यहां पर तैनात किया गया।
2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के बाबुल सुप्रियो ने जीत हासिल की थी। 2021 में उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। वह बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। टीएमसी ने आसनसोल से अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को मैदान में उतारा है, जहां हिंदी भाषी आबादी काफी है। बीजेपी ने आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्र पॉल को उम्मीदवार बनाया है।
आसनसोल सीट का इतिहास
1957 से 1967 तक आसनसोल लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में थी। 1967 से 1971 तक लोकसभा क्षेत्र संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नियंत्रण में था। 1971 से 1980 तक सीपीआई (एम) ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। इससे पहले कि कांग्रेस ने वापसी की और 1989 तक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र का आयोजन किया।
1989 से 2014 तक यह सीट सीपीआई (एम) की थी। 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की, जब बाबुल सुप्रियो आसनसोल से चुने गए। सुप्रियो ने 2019 में फिर से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की, जिसके बाद वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री भी बने।
हालांकि, पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद सुप्रियो ने बीजेपी छोड़ दी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। आसनसोल लोकसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया, जिससे उपचुनाव जरूरी हो गया।