स्वास्थ्य

आप या आपका बच्चा निमोनिया से ग्रस्त हैं तो अपनाएँ यह घरेलू उपाय, तुरंत मिलेगी राहत!

मौसम के हिसाब के कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है। कुछ बीमारियाँ तो इतनी ज्यादा खतरनाक होती हैं कि उनके बारे में सोचकर ही डर लगने लगता है। अगर वो बीमारियाँ हो जाएँ तो व्यक्ति की क्या हालत होती होगी आप खुद ही सोच सकते हैं। इनमें से ही एक खतरनाक बिमारी है, निमोनिया। निमोनिया ज्यादातर सर्दी के मौसम में होता है। लेकिन आजकल बारिश के समय में भी कुछ लोगों को इस रोग से ग्रस्त पाया गया है। कुछ लोगों को बारिश में भींगने का शौक होता है।

बच्चे ही नहीं बड़े भी आ सकते हैं निमोनिया की गिरफ्त में:

जब आप बारिश में काफी समय तक भींगे रहते हैं तो आपको सर्दी-जुकाम, खाँसी और कफ़ की समस्या हो जाती है। यही धीरे-धीरे निमोनिया का रूप ले लेती है। इसके अलावा फेफड़ों में इन्फेक्शन होने की वजह से भी निमोनिया हो जाता है। यह बिमारी ज्यादातर बच्चों को होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसकी गिरफ्त में बड़े नहीं आ सकते हैं। इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो फेफड़ों में पानी भर जाता है और सूजन हो जाती है। कुछ आसान से घरेलू उपायों को अपनाकर आप इस रोग से मुक्त हो सकते हैं।

निमोनिया के लक्षण:

*- बलगम वाली खाँसी,
*- साँस लेने में तकलीफ,
*- बुखार,
*- सीने में तेज दर्द,
*- भूख का कम लगना।

निमोनिया से बचाव के घरेलू उपाय:

*- हल्दी और काली मिर्च:

निमोनिया होने पर व्यक्ति के छाती में रेशे जमा होने लगते हैं, जिससे साँस लेने में काफी तकलीफ होती है। इस स्थिति में हल्दी, काली मिर्च, मेथी दाना और अदरक पानी में डालकर उबाल लें और इसका काढ़ा बना लें। हर रोज इस पेय का सेवन करने से फेफड़ों की सूजन कम हो जाती है साथ ही बुखार में भी काफी आराम मिलता है।

 

*- तिल के बीज:

300 एमएल पानी लेकर उसमें 15 तिल के बीज, 1 चुटकी नमक, एक चम्मच शहद और एक चम्मच अलसी मिलाकर उसका सेवन करें। ऐसा नियमित करने से छाती में जमा हुआ कफ़ बाहर निकल जाता है।

 

*- अदरक:

अदरक लेकर उसे पीस लें और उसके रस निकाल लें। अब हर रोज इसके रस का सेवन करने से निमोनिया में काफी फायदा होता है। अगर आप यह नहीं कर सकते तो अदरक के छोटे टुकड़े लेकर उसे चूसें।

 

*- शहद:

जब भी खांसी हो थोड़ा शहद लेकर चाटें, इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा। निमोनिया हो जाने पर थोड़ा पानी लेकर उसे गर्म कर लें और उसमें शहद मिलाकर नियमित पीयें।

 

*- तारपीन का तेल:

तारपीन का तेल लेकर उसमें कपूर मिलायें। अब इस मिश्रण को हल्का सा गर्म करके उसे अपने सीने पर लगायेंहर रोज सोने से पहले यह प्रक्रिया करें, कुछ ही दिनों में काफी राहत महसूस होने लगेगी।

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