समाचार

योगी आदित्यनाथ को 11 दिन जेल में बंद कर चर्चा में आए थे DM साहब, अब मिले तो कुछ ऐसे बना माहौल

शासन और प्रशासन का संबंध समय के साथ कैसे बदलता है ये सीएम योगी आदित्यनाथ और कभी गोरखपुर के डीएम रह चुके आईएएस अफसर डॉ हरिओम के संबंधों में साफ देखा जा सकता है।

एक जमाने में गोरखपुर के डीएम रहे डॉ हरिओम ने तत्कालीन मुलामय सिंह यादव की सरकार के दौरान वहां के तब के सांसद योगी आदित्यनाथ को भारी विरोध के बावजूद गिरफ्तार कर 11 दिनों तक जेल में बंद कर दिया था। आज वही आईएएस अफसर डॉ हरिओम खुद सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे और उनसे मुलाकात कर उन्हें अपनी किताब भेंट की।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं डॉ हरिओम

उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी डॉ हरिओम अपने प्रशासनिक कामों के साथ-साथ अपने गाने, गज़लों, किताबों के जरिए भी लोगों के बीच जगह बना चुके हैं। उनके कई एल्बम रिलीज हो चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही आईएएस हरिओम ने उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें अपनी पुस्तक भेंट की।

आईएएस हरिओम ने ट्विटर पर सीएम योगी के साथ मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “मैंने उन्हें जीत की बधाई देने के साथ अपनी पुस्तक ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा:आस्था के वैचारिक आयाम’ भेंट की।”

आईएएस हरिओम यूपी के कई जिलों के डीएम रह चुके हैं। लेकिन गोरखपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तब योगी आदित्यनाथ को 11 दिन जेल में रहना पड़ा था।

2007 की घटना

बात 2007 की है जब गोरखपुर में सांप्रदायिक तनाव का माहौल था। उस वक्त तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने धरने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद माहौल और ज्यादा खराब होने की आशंका थी। जिला प्रशासन ने योगी को शहर में घुसने से पहले ही रोक लिया लेकिन वहां हंगामा होने लगा।

तब डीएम डॉक्टर हरिओम ने सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और आदेश का पालन न करनेके आरोप में योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। गिरफ्तारी के बाद योगी को 11 दिन जेल में रहना पड़ा था। हालांकि, इस गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद ही हरिओम को हटा दिया गया था।

सिंगर बनना चाहते थे डॉ हरिओम

1997 बैच के आईएएस अफसर डॉ. हरिओम के कई एलबम भी आ चुके हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे सिंगर बनना चाहते थे, लेकिन फिर वह आईएएस अफसर बन गए। हरिओम को लिखने का भी बहुत शौक रहा है और आईएएस बनने के बाद भी लेखनी में उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई। हरिओम ने कई किताबें भी लिखी हैं।

मौजूदा समय में डॉ हरिओम अपने व्यस्त समय में भी गजल-गाने के लिए समय निकाल लेते हैं। डॉ. हरिओम का जन्म अमेठी जिले के एक छोटे से गांव कटारी में हुआ था। ग्रामीण परिवेश में रहने के दौरान ही संगीत उनकी रगों में बस गया था।

Back to top button